जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

राजस्थान बीजेपी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी 27 मार्च को पदभार ग्रहण करेंगे। वह सोमवार सुबह 7 बजे सड़क मार्ग से दिल्ली से जयपुर के लिए रवाना होंगे। इस दौरान राजस्थान सीमा में प्रवेश के साथ ही जोशी का स्वागत सत्कार शुरू हो जाएगा। बीजेपी कार्यकर्ताओं की और से जोशी का शाहजहांपुर बॉर्डर, नीमराणा, बहरोड, कोटपूतली विराट नगर,पावटा, शाहपुरा, चंदवाजी, आमेर और जयपुर शहर में स्थित खोले के हनुमान जी, ट्रांसपोर्ट नगर चौराहा, धर्मसिंह सर्किल, त्रिमूर्ति सर्किल, स्टेचू सर्किल पर स्वागत किया जाएगा।

इसके बाद सीपी जोशी सुबह 11.30 बजे बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंच कर 12 बजकर 15 मिनट पर पदभार ग्रहण करेंगे। इस दौरान बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ ही प्रति के आला नेता और पधाधिकारियों के साथ प्रदेशभर के कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे।

कांग्रेस के दिग्गज नेता को चुनाव हराया
चंद्र प्रकाश जोशी चित्तौड़गढ़ से दो बार लोकसभा पहुंचे हैं। वह पहले 2014 में फिर 2019 में इस सीट से चुनाव जीते। 2014 के आम चुनाव में उन्होंने कांग्रेसी की सीनियर नेता गिरिजा व्यास को हराया था। जोशी भाजपा के यूथ विंग, भाजयुमो के प्रदेश प्रेसिडेंट रहे हैं। वह बीजेपी राजस्थान के 15वें अध्यक्ष और 7वें ब्राह्मण अध्यक्ष बने।
इससे पहले हरिशंकर भाभड़ा, भंवरलाल शर्मा, ललित किशोर चतुर्वेदी, महेश चंद्र शर्मा, रघुवीर सिंह कौशल और अरुण चतुर्वेदी ब्राह्मण प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं। अध्यक्ष बदलने के बाद भाजपा के सामने अब नई प्रदेश कार्यकारिणी का गठन एक चुनौती होगी।

कटारिया की कमी को दूर करेंगे सीपी
सीपी जोशी को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने मेवाड़ को साधने की कोशिश की है। मेवाड़ में ब्राह्मण और वैश्य बीजेपी का बड़ा वोट बैंक है। उदयपुर से विधायक रहे गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाए जाने के बाद मेवाड़ में बीजेपी के पास कोई प्रभावी नेता नहीं रह गया था।

ऐसे में जोशी को नई जिम्मेदारी देकर बीजेपी ने इस बेल्ट में खुद को मजबूत बनाने का प्रयास किया है। उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़ और बांसवाड़ा जिलों में ब्राह्मण और वैश्य वर्ग का खासा वोट बैंक है।

42 में से 22 साल ब्राह्मण अध्यक्ष
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष बनाए गए सीपी जोशी ने रविवार को जयपुर में हुई विप्र महापंचायत में हिस्सा लिया था। उन्होंने महापंचायत में सनातन की रक्षा के साथ समाज हित में काम करने और समाज के नेताओं की बेवजह आलोचना नहीं करने की सीख दी थी। अब उन्हें ​​​​प्रदेशाध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने ब्राह्मण वोटर्स को मैसेज देने की कोशिश की है।

ब्राह्मण बीजेपी का सबसे बड़ा कोर वोटर रहा है। ऐसे में इस बडे वर्ग को साधने के हिसाब से इस नियुक्ति को अहम माना जा रहा है। बीजेपी के पिछले 42 साल से ज्यादा के इतिहास में राजस्थान में 22 साल से ज्यादा प्रदेशाध्यक्ष इसी वर्ग से रहे हैं।