उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

राजस्थान सरकार की स्वायत्त संस्था राजस्थान साहित्य अकादमी ने वर्ष 2022-23 के पुरुस्कारों की घोषणा कर दी है। अकादमी के अध्यक्ष डॉ. दुलाराम सहारन और सचिव डॉ. बसंत सिंह सोलंकी ने बताया कि इस वर्ष का मीरां पुरुस्कार जयपुर की मूल निवासी और हाल में तिरुवनंतपुरम में रह रही रति सक्सेना को उनकी काव्य पुस्तक 'हंसी एक प्रार्थना' के लिए दिया गया है। अकादमी के इस सर्वोच्च पुरुस्कार में 75 हजार रुपये की राशि दी जाती है। इसी प्रकार राजस्थान सरकार के सौकणी से दिया जाने वाला जनार्दन राय नागर पुरुस्कार अजमेर निवासी डॉ. चंद्र प्रकाश देवल को दिया गया है। कथा एवं उपन्यास के लिए दिया जाने वाला रांगेय राघव पुरुस्कार बैसवारा निवासी भरत चंद्र शर्मा को उनले उपन्यास 'पीर परबत सी' के लिए दिया गया।  काव्य विधा के लिए सुधींद्र पुरुस्कार के लिए जयपुर निवासी कवि माया मृग को कविता संग्रह 'मुझमे मीठा तू है' के लिए दिया गया।  एकांकी-नाटक के लिए देवीलाल सामर पुरुस्कार जयपुर निवासी अजय अनुरागी को उनकी नाट्य कृति 'रॉन्ग नंबर' के लिए दिया गया। आलोचना के लिए देवराज उपाध्याय पुरुस्कार भरतपुर मूल के निवासी राजाराम भादू उनकी कृति 'कविता के आयाम' को दिया गया। विभिन्न विधाओं के लिए कन्हैया लाला सहल पुरूस्कार जयपुर के व्यंगकार यश गोयल को उनकी कृति 'नामुमकिन नेता' के लिए दिया गया। बाल साहित्य का शम्भू दयाल सेना पुरुस्कार कांकरोली की कुसुम अग्रवाल  कृति 'हम  हैं' के लिए।  प्रथम प्रकाशित कृति के लिए सुमनेश जोशी पुरुस्कार उदयपुर निवासी तराना परवीन को कहानी संग्रह 'एक सौ आठ' के लिए दिया गया। इसके अलावा अकादमी ने नवोदित पुरुस्कारों की भी घोषणा की।