मुनिसुव्रतनाथ दिगम्बर जैन पंचायत की ओर से अजमेर रोड स्थित मयूरा सिटी पदमप्रभ जिनालय में दो दिवसीय वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन किया गया। आचार्य वर्धमान सागर महाराज ससंघ के सान्निध्य में आयोजित महोत्सव में जैन समाज के लोग उमड़े। महोत्सव के तहत बुधवार को याग मंडल विधान का आयोजन किया गया। विद्याचार्य कुमुद सोनी अजमेर के निर्देशन में श्रावक-श्राविकाओं ने संगीतमय प्रस्तुतियों के बीच अर्घ समर्पित किए। बाद में जयकारों के बीच भगवान को विराजमान किया गया।
अध्यक्ष विनोद पाटनी और मंत्री सुभाष बड़जात्या ने बताया कि महोत्सव के शुभारंभ पर माहेश्वरी स्कूल मैन रोड से घटयात्रा निकाली गई। जैन समाज के लोग अजमेर रोड होते हुए मयूरा सिटी स्थित पदमप्रभ जिनालय पहुंचे। महोत्सव का ध्वजारोहण पारसमल, राजेशकुमार, संजयकुमार, प्रवीण कुमार, आशीष कुमार पांडया ऊंटडा वाले ने किया। मुख्य वेदी मूलनायक पदमप्रभ भगवान को विराजमान एवं एक कक्ष का निर्माण के पुण्यार्जक विमल कुमार, महेन्द्र कुमार समर्थ कुमार पाटनी उरसेवा वाले रहे। पार्श्वनाथ भगवान विराजमान व पद्मावती माता वेदी एवं एक कक्ष के निर्माण के पुण्यार्जक मंजू देवी, योगेश कुमार, रिद्धिमा, गिरिशा, तनिष्का, लविक पहाडिया रहे।
आदिनाथ भगवान को वेदी में विराजमान करने का सौभाग्य महावीर प्रसाद, विनोद कुमार, कैलाशचंद पाटनी उरसेवा वाले, शांतिनाथ भगवान को वेदी में विराजमान करने का सौभाग्य पदमचंद अनिलकुमार सौगाणी दूदू, मुनिसुव्रतनाथ भगवान को वेदी में विराजमान करने का सौभाग्य शांतिदेवी, विमल कुमार, प्रेमचंद बड़जात्या मरवा वाले, चन्द्रप्रभ भगवान को वेदी में विराजमान करने का सौभाग्य मदनलाल, अमित कुमार, सुमित कुमार पहाड़िया, सीकर वाले, महावीर भगवान को वेदी में विराजमान करने का सौभाग्य निर्मल कुमार, हरीश कुमार पांड्या भादवा वाले को मिला।
अष्टमंगल स्थापित करने का सौभाग्य अशोक कुमार पाटनी को प्राप्त हुआ। क्षेत्रपाल प्रतिमा विराजमान का सौभाग्य माणकचंद, पदमचंद, नरेन्द्रकुमार गंगवाल कडैल वाले, क्षेत्रपाल वेदी निर्माण के पुण्यार्जक महावीर प्रसाद, प्रदीपकुमार व दिलीप कुमार गंगवाल रूपनगढ़ वाले रहे। विधानाचार्य कुमुद सोनी अजमेर के मंत्रोच्चार के बीच वेदी शुद्धि व वास्तु विधान का आयोजन किया गया। आचार्यश्री का जल से पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य आनंद, अंकित बज बोरावड़ वाले, दूध से पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य महावीर प्रसाद, ताराचंद, सुभाष सेठी कुचील वाले, केसरिया दूध से पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य मिला।
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