उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।

सीनियर टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में गिरफ्तार भूपेंद्र सारण ने शुक्रवार को चौंकाने वाला खुलासा किया। पूछताछ में पुलिस को बताया कि सरकारी टीचर शेरसिंह मीणा से उसने 40 लाख रुपए में पेपर लिया था। इसके बाद 5-5 लाख रुपए में अन्य अभ्य​​र्थियों को यह पेपर बेचा गया। जयपुर के चौमू निवासी टीचर को पेपर लीक का माफिया बताया जा रहा है। उदयपुर पुलिस को पता लगा कि 24 दिसम्बर 2022 को टीचर भर्ती का जनरल नॉलेज का पेपर था। उस दिन सरकारी टीचर शेरसिंह मीणा ने ही भूपेंद्र सारण को पेपर उपलब्ध कराया गया था। इन बातों का जिक्र पुलिस ने रिमांड नोटिस में करते हुए कोर्ट से 10 दिन का रिमांड मांगा था, लेकिन 4 दिन का रिमांड मिला। पुलिस ने इसमें तर्क दिया था कि मुख्य सरगना शेरसिंह मीणा और सुरेश ढाका की तलाश के लिए जयपुर, जालोर और बाड़मेर पहुंचकर गहनता से तफ्तीश की जाएगी। इस तफ्तीश में सारण को साथ लेकर आमने-सामने जांच कराई जाएगी। 

2 किलोमीटर तक परेड निकाली

इससे पहले दोपहर कोर्ट में सारण को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में पेशी से पहले भूपेंद्र की 2 किलोमीटर तक परेड निकाली गई। सारण को उदयपुर के हाथीपोल थाने से कोर्ट चौराहे तक 2 KM पैदल ले जाया गया। कोर्ट ने उसे 27 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर सौंप दिया। इससे डीएसटी की टीम सुबह 8 बजे सारण को बेंगलुरु से अहमदाबाद होते हुए उदयपुर लेकर पहुंची। एयरपोर्ट के बाहर आरोपी मुस्कुरा रहा था। सारण को हाथीपोल थाने में रखा गया है। जहां उससे पूछताछ की जा रही है। डिप्टी राजेश कसाणा, डीएसटी के विक्रम सिंह, उपेंद्र सिंह आरोपी को लेकर उदयपुर पहुंचे थे। राजस्थान एटीएस-एसओजी ने 23 फरवरी को बड़ी कार्रवाई करते हुए भूपेंद्र सारण को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर शाम करीब साढ़े बजे पकड़ा था। पिछले छह दिनों से पुलिस बेंगलुरु में कैंप कर रही थी। भूपेंद्र पर एक लाख का इनाम घोषित है।

दो बार अहमदाबाद गया

पुलिस पूछताछ में भूपेंद्र सारण ने बताया कि उदयपुर में एक्शन होने के बाद समझ आ गया था कि पुलिस उसका पीछा करेगी। इसलिए उसने सबसे पहले जयपुर छोड़ा और दिल्ली चला गया। पुलिस का एक्शन देखते हुए उसे डर लगने लगा था। फिर वह बस से अपने परिचित के यहां अहमदाबाद गया। करीब 25 दिन वह यहां रहा। इसके बाद राजस्थान लौट आया। यहां जालोर, बीकानेर, बाड़मेर, अजमेर, फागी में कुछ दिनों तक रुका। गिरफ्तारी के डर से वह दोबारा से अहमदाबाद भाग गया।इस बार वह 28 दिन अहमदाबाद में रहा। पुलिस के डर से वह यहां से परिचित के यहां बेंगलुरु के लिए निकला, जहां पर पुलिस ने उसे पकड़ लिया।

विश्नोई को सारण ने ही भेजा था वॉट्सऐप पर पेपर

उदयपुर पुलिस ने गोगुंदा हाईवे पर 24 दिसंबर 2022 की सुबह एक बस में अभ्यर्थियों को नकल करते पकड़ा था। इसमें आरोपी सरकारी स्कूल के हेड मास्टर सुरेश विश्नोई और भजनलाल विश्नोई पेपर सॉल्व करवा रहे थे। सुरेश विश्नोई ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि उसे भूपेंद्र सारण ने ही वॉट्सऐप पर पेपर भेजा था। इसके बाद पुलिस ने इसके घर सहित अन्य ठिकानों पर दबिश देते हुए तलाश शुरू कर दी थी।

57 में से 44 आरोपियों की हो चुकी है जमानत

मामले में अब तक पकड़े गए कुल 57 आरोपियों में से 44 की कोर्ट से जमानत हो चुकी है। हालांकि सुरेश विश्नोई फिलहाल पुलिस रिमांड पर है। इन आरोपियों की जमानत मिलने पर उदयपुर पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर की धाराओं पर सवाल उठे थे। इसके बाद एडिशनल एसपी चन्द्रशील ठाकुर और मुकेश साांखला ने आरोपियों की जमानत रद्द करने के लिए हाइकोर्ट में याचिका पेश की थी। इसके बाद कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए जमानत पाने वाले सभी आरोपियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।