सवाई माधोपुर - हेमेंद्र शर्मा
सवाई माधोपुर वन विभाग की लापरवाही के चलते रणथंभौर में एक साथ चार टाइगर कम हो गए। कल एक बाघिन और एक शावक का शव मिला था । जहां बाघिन के शावक का कल ही पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया गया था ,तो वही बाघिन टी 114 का आज पशु चिकित्सकों की टीम ने पोस्टमार्टम किया तथा उसके पश्चात उसका विधिवत रूप से अंतिम संस्कार कर दिया। राजबाग नाके पर संपूर्ण कार्यवाही को अंजाम दिया गया। लेकिन इस दरमियान वन विभाग की घोर लापरवाही भी उजागर हुई। विगत दिनों फलोदी रेंज में एक खेत के पास टाइगर के तीन शावकों का मूवमेंट ग्रामीणों द्वारा देखने को मिला था। खास बात यह है कि वन विभाग द्वारा भी पहली बार ग्रामीणों के बताने पर ही बाघ शावकों का पता चला, जो कि वन विभाग की कार्यशैली पर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। वन विभाग द्वारा गंभीरता से इन तीनों शावको की मॉनिटरिंग नहीं की गई । जिसके चलते एक बाघ शावक की कल मौत हो गई। दुखद कहानी यहीं नहीं थमी। उसके उपरांत हुआ यह कि 3 घंटे बाद ही बाघिन टी 114 का शव भी बाघ शावक के शव के 300 मीटर की दूरी पर ही मिला। जोकि अपने आप में तीन-चार दिन पुराना बताया गया। विशेषज्ञ बताते हैं कि जब बाघिन अपने बच्चों को नहीं पाल सकी , ऐसे में भूख प्यास एवं सर्दी से ही तड़पकर बाघ शावक की मौत हो गई । बाघ शावक की मौत का वन विभाग ने पूरी तरह से खुलासा भी नहीं किया। वक्त रहते अगर बाघ शावकों की मॉनिटरिंग की जाती तो मृत बाघ शावक को भी बचाया जा सकता था। कल एक दिन में ही बाघ शावक व बाघिन की मौत हुई तब ऐसे में वन विभाग के हाथ पैर फूल गए और आनन-फानन में त्वरित प्रभाव से वन विभाग ने शेष बचे दो बाघ शावकों को कोटा बायोलॉजिकल पार्क के लिए रवाना कर दिया। ऐसे में रणथंभौर नेशनल पार्क को इस घटना से चार टाइगर का बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। कल हुई बाघिन की मौत के बाद आज राजबाग नाके पर वन विभाग के आला अधिकारियों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम करवाया गया ।पोस्टमार्टम के दौरान बाघिन की अन्य टाइगर से संघर्ष में मौत होना बताया जा रहा है। साथ ही बिसरा लेकर प्रयोगशाला के लिए भी भेजे गए हैं ,4 दिन पुराने शव का वन विभाग को पता नहीं लगना उसके बाद शावक की भी मौत हो जाना वन विभाग की कार्यशैली पर बड़ा सवालिया निशान है।