जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
आमजन को स्वास्थ्य का अधिकार देने के लिए सरकार द्वारा लागू किए जाने वाले राइट-टू-हैल्थ बिल के विभिन्न प्रावधानों पर चर्चा के लिए स्वास्थ्य भवन में चिकित्सक संगठनों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ राज्य स्तरीय परामर्श बैठक आयोजित की गयी। प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा टी. रविकांत एवं शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग डॉ. पृथ्वी की अध्यक्षता में यह बैठक आयोजित की गयी। बैठक में प्रदेशभर के चिकित्सकों के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने सुझाव दिए और इस बिल की भावना को जनहितैषी बताया। बैठक को सम्बोधित करते हुए टी. रविकांत ने कहा कि राइट-टू-हेल्थ बिल प्रदेश की जनता के लिए जनकल्याणकारी होगा और राजस्थान आम आदमी को स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला पहला राज्य बनेगा। शासन सचिव डॉ. पृथ्वी ने कहा कि सभी में सामंजस्य बिठाकर एक बेहतरीन जनहितैषी बिल लाया जाएगा जो प्रदेश, आमजन, डॉक्टर्स और सभी के लिए अच्छा साबित होगा। आरयूएचएस के वीसी डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा कि स्वास्थ्य सेक्टर में सरकारी चिकित्सालयों के साथ निजी सेक्टर का भी बहुत बड़ा रोल है और सरकार द्वारा जो बिल लाया जा रहा है उसमें आमजन और डाक्टर्स सभी के बेहतरीन सुझावों को स्थान दिया जा रहा है। सिविल सोसायटी, स्वयं सेवी संगठनों एवं उपभोक्ता संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए और राइट-टू- हेल्थ बिल को राजस्थान के स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक मील का पत्थर बताया।इस दौरान आरएसएचएए की सीईओ शुची त्यागी, आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक अनुपमा जोरवाल, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. के. एल. मीणा, प्राचार्य एसएमएस मेडिकल कॉलेज डॉ. राजवी बगरहट्टा, आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुनील चुग, पीडियाट्रीशियन एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. लाखन पोसवाल, जनस्वास्थ्य अभियान के प्रतिनिधि राजन चौधरी सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।