जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजधानी के रामगंज बाजार को अति संवेदनशील माना जाता है परन्तु फिर भी सभी सरकारों के शासन में प्रशासन इसकी ओर से आँखें मूदें रहता है। हालात ये है कि ना केवल यहाँ से गुजरने वाले बल्कि स्थानीय बाशिंदे भी त्रस्त हैं।
अब इस बारे में रामगंज बाजार संघर्ष समिति का गठन कर सकरात्मक कदम उठाने की पहल हुई है। समिति के कानूनी सलाहकार मोहम्मद आसिफ ने बताया कि बाजार में खुले आम अतिक्रमण कर अवैध धंधे चलाए जा रहे हैं। दुकान नंबर 111, 113, 114, 115, 116, 117, 119, 135,144, 147, 157, 265, 267, 304, 306, 307, और 308 में मांसाहारी ढाबे चलाए जा रहे हैं।
इनकी आड़ में दुकान के सामने के फुटपाथों पर कब्ज़ा कर लिया गया है. इन्हीं फुटपाथों पर खुले में मांसाहार पकाया और खिलाया जाता है। इन ढाबों पर खुले आम घरेलु सिलेंडर का उपयोग किया जाता है। राजकाज की टीम लो सूत्रों ने बताया कि कुछ ढाबे तो प्रतिबंधित जीवों का मीट भी परोस रहे हैं। इससे ना केवल मुख्य सड़क पर पैदल चलने वालों और यातायात की गाड़ियों की रेलमपेल लग जाती है बल्कि दुर्घटनाओं के चलते आए दिन झगड़े होते रहते हैं।
इसी इलाके में 5-7 प्राचीन मंदिर हैं जिनमे जाने वाले श्रद्धालुओं को पाक रहे मांसाहार की दुर्गन्ध से दो चार होना पड़ता है। कभी कोई छोटी कहासुनी सांप्रदायिक रूप ले सकती है।
रामगंज बाजार संघर्ष समिति ने सरकार तथा प्रशासन से गुहार लगाई है कि अविलम्ब इन अतिक्रमणों को हटाकर स्थिति व्यवस्थित की जाए तथा शांति और सौहार्द का मार्ग सुनिश्चित किया जाए।
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