जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
परिवहन राज्य मंत्री बृजेन्द्र ओला ने विधानसभा में कहा कि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति परिलाभ का भुगतान फण्ड की उपलब्धता के आधार पर प्राथमिकता से किया जायेगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि बकाया भुगतान के सम्बन्ध में अगर गलत जानकारी दी गई है तो इसकी जांच करवाकर सम्बन्धित कार्मिक के विरूद्ध समुचित कार्रवाई की जाएगी। ओला प्रश्नकाल के दौरान इस सम्बन्ध में विधायकों की ओर से पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि कार्मिकों को सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान एक निश्चित प्रक्रिया के तहत समस्त कागजी कार्रवाई पूर्ण किये जाने पर ही किया जाता है। उन्होंने बताया कि अजमेर आगार के कार्मिक नरेन्द्र सिंह गौड़ के दस्तावेज पूर्ण नहीं होने के कारण उन्हें परिलाभों का भुगतान नहीं हो सका हैं। उन्होंने बताया कि अजमेर आगार के 16 कर्मचारियों में 4 कर्मचारी माह दिसम्बर 2022 में ही सेवानिवृत हुए है जबकि 4 अन्य कार्मिकों को भी दस्तावेजों की कमी के कारण भुगतान नहीं किया जा सका है। परिवहन राज्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्यपथ परिवहन निगम पहले भी घाटे में रहा और वर्तमान में भी घाटे में चल रहा है, लेकिन सामाजिक उत्तरदायित्व एवं आमजन की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए बसें चलानी पड़ती हैं। उन्होंने बताया कि परिवहन निगम को राज्य सरकार द्वारा अनुदान दिये जाने का कोई निश्चित फॉर्मूला नहीं है। निगम की मांग के अनुसार राज्य सरकार अनुदान उपलब्ध करवाती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने अब तक परिवहन निगम को पूर्ववर्ती सरकार की तुलना में अधिक अनुदान दिया है। इससे पहले विधायक अनिता भदेल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में परिवहन राज्य मंत्री ने बताया कि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के सेवानिवृत अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सेवानिवृति परिलाभ की इकाई स्तर पर जारी स्वीकृति के आधार पर कुल 65.18 करोड़ रुपये के भुगतान बकाया हैं। निगम द्वारा उक्त राशि का भुगतान फण्ड की उपलब्धता के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि निगम के अजमेर आगार में अप्रैल 2013 से दिसम्बर 2022 तक 200 अधिकारी व कर्मचारी सेवानिवृत हुए हैं। उन्होंने इन अधिकारियों व कर्मचारियों के बकाया सेवानिवृति परिलाभों का विवरण सदन की मेज पर रखा। साथ ही राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की विगत पांच वर्षों की वित्तीय स्थिति का वर्षवार विवरण भी सदन की मेज पर रखा।
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