पाली-मनोज शर्मा।
लगभग 69 साल बाद राजस्थान को भारत स्काउट गाइड की राष्ट्रीय जंबूरी की मेजबानी का अवसर मिला। पधारो म्हारे देश के ध्येय वाक्य को आत्मसात किए अतिथियों के लिए सदैव हृदय पटल खुले रखने वाले राजस्थान और खासकर मारवाड़ ने अति दुर्लभ इस अवसर को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। राज्य सरकार के मुखिया अशोक गहलोत ने स्काउट जम्बूरी को सफल बनाने में व्यक्तिगत रुचि दिखाई। जब घर के मुखिया स्वयं आगे आकर सारी व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग कर रहे थे तो परिवार के अन्य सदस्यों (गणमान्य जनप्रतिनिधि गण, अधिकारी कर्मचारी गण, स्काउट गाइड संघ और आमजन) का उत्साह दोगुना हो गया। टीम राजस्थान और जिला कलेक्टर पाली नमित मेहता के निर्देशन में टीम पाली के समन्वित और समर्पित प्रयासों ने इस असंभव से दिख रहे काम को न केवल संभव कर दिखाया अपितु राजस्थान की जंबूरी को आगामी जम्बुरियों के लिए मॉडल के रूप में भी प्रस्तुत कर दिया। 
बजट घोषणा से पहले ही शुरू हो गए थे प्रयास।
मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत स्वयं भी विद्यार्थी जीवन में स्काउटर रहे हैं, ऐसे में उनका स्काउट गतिविधियों से खासा जुड़ाव है। उनके पूर्व मुख्यमंत्री काल में राजस्थान स्काउट जम्बुरेट की मेजबानी भी कर चुका है। मुख्यमंत्री की मंशा थी कि राजस्थान राष्ट्रीय स्काउट जंबूरी की भी मेजबानी करे। इसके उन्होंने स्वयं रूचि लेते हुए प्रयास शुरू किए। स्टेट चीफ कमिश्नर स्काउट का दायित्व संभाल रहे राजस्थान सरकार के पूर्व मुख्य सचिव  निरंजन आर्य को राष्ट्रीय जंबूरी आयोजन का भी बीड़ा सौंपा। भारत स्काउट गाइड संघ से 18वी जंबूरी की मेजबानी प्राप्त करने के लिए प्रयास शुरू हुए और आखिरकार सफलता मिली। 
बजट घोषणा में किया शामिल।
भारत स्काउट गाइड संघ से हरी झंडी मिलने के साथ ही सरकार ने जंबूरी आयोजन को लेकर तैयारियां शुरू कर दी। स्थान चयन को लेकर स्टेट चीफ कमिश्नर आर्य के निर्देशन में टीमों ने विभिन्न स्थलों की टोह ली और आखिरकार पाली जिले की रोहट पंचायत समिति के निम्बली ब्राह्मणान गांव में रीको की जगह का चयन किया गया। तत्पश्चात सरकार ने राज्य बजट 2022-23 में राष्ट्रीय स्काउट गाइड जंबूरी पाली में आयोजित करने की घोषणा करते हुए 25 करोड़ का बजट प्रावधान भी किया। 
वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी कमान।
राजस्थान में होने वाली जंबूरी को अब तक की सबसे बड़ी जंबूरी बनाना सरकार का सपना था। लगभग 35000 से अधिक स्काउट गाइड को शामिल करने की योजना बनाई गई। इतनी बड़ी संख्या में आने वाले स्वयंसेवकों के लिए आवास, भोजन, पेयजल, चिकित्सा सहित तमाम सुविधाओं के लिए स्टेट चीफ कमिश्नर आर्य ने राज्य स्तरीय कमेटियां गठित की। इन कमेटियों में भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों को कमान सौंपी। इन कमेटियों की निगरानी में कई अन्य सब कमेटियां भी बनाई गई। इसमें भी भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल करते हुए जंबूरी से जुड़ी हुई सभी तरह की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई। 
टीम पाली ने दिखाया समर्पण।
पाली मारवाड़ की धरा अतिथि सत्कार के लिए विख्यात है। जैसे ही जंबूरी की मेजबानी पाली जिले को मिली जिला कलेक्टर नमित मेहता के कुशल निर्देशन में टीम पाली इस ऐतिहासिक आयोजन को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए जुट गई। जिले के प्रशासनिक, पुलिस सहित सभी विभागों के अधिकारी कर्मचारियों ने रात-दिन एक करके जंबूरी को सफल बनाया। जिला पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गगनदीप सिंगला के निर्देशन में पुलिस महकमे ने जंबूरी स्थल पर चप्पे-चप्पे की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की। रीको ने जगह उपलब्ध कराने के साथ ही वहां सड़क निर्माण, पेयजल टंकी निर्माण जैसी जिम्मेदारी संभाली। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने 1400  गुना 1000 वर्ग फीट आकार का अस्थाई स्टेडियम बनाकर रिकॉर्ड कायम कर दिया। जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग ने 220 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले जंबूरी स्थल के कोने-कोने तक पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की, तो जोधपुर विद्युत वितरण निगम ने आयोजन स्थल को रोशन करने और आयोजन पर्यंत रोशन रखने में पूरी ताकत झोंक दी। सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने जंबूरी विलेज को स्मार्ट एवं हाईटेक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आयोजन स्थल पर इंटरनेट, वाईफाई सुविधाएं उपलब्ध कराई गई जिससे सूर्य किरण प्रदर्शन जैसा अद्भुत आयोजन संभव हो सका। स्काउट संघ पाली और शिक्षा विभाग की टीमों ने आपसी समन्वय रखते हुए देशभर से संभागीयों की भागीदारी सुनिश्चित की।  परिवहन विभाग और राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के समन्वय से संभागीयों के आवागमन से लेकर साइट विजिट जैसी गतिविधियां निर्बाध रूप से संचालित हो सकी। चिकित्सा विभाग एवं मेडिकल कॉलेज में जंबूरी स्थल पर ही स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 50 बेडेड हॉस्पिटल तैयार कर विशेषज्ञ चिकित्सकों की 24× 7 उपलब्धता सुनिश्चित की। वहीं डिस्पेंसरीज, रेफरल हॉस्पिटल, सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल जैसी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखी। नगर परिषद पाली और नगर निगम जोधपुर ने आयोजन स्थल पर स्वच्छता की जिम्मेदारी संभाली। 37 हजार शिविरार्थियों और प्रतिदिन हजारों आंगतुकों के बावजूद जम्बूरी स्थल में स्वच्छता कायम रही। रसद विभाग ने जंबूरी स्थल पर खाद्य सामग्री, रसोई गैस आपूर्ति जैसी अति आवश्यक व्यवस्थाओं को पूर्ण निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ पूरा किया। डेयरी प्रबंधन ने दूध एवं दुग्ध उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित की। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने जम्बूरी के प्रचार प्रसार के साथ ही आयोजन स्थल पर राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से शिविरार्थियों और आगंतुकों को रूबरू कराने में महती भूमिका निभाई। संभागीय आयुक्त जोधपुर  के.सी. मीणा, जिला कलेक्टर पाली  नमित मेहता के निर्देशन में एडीएम प्रशासन  चंद्रभान सिंह भाटी, एडीएम सिलिंग जब्बरसिंह, यूआईटी सचिव  वीरेंद्र सिंह चौधरी, जिला परिषद सीईओ दीप्ति शर्मा, सभी उपखंड अधिकारी सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने राष्ट्रीय जंबोरी को सफल बनाने में पूर्ण योगदान दिया। समन्वित प्रयासों का परिणाम रहा कि राजस्थान इस अनूठे और ऐतिहासिक आयोजन का साक्षी बना। 
स्काउट/गाइड ऑफिसर और रोवर रेंजर का समर्पण भी अतुलनीय।
जंबूरी को सफल बनाने में स्काउट गाइड संघ के नेशनल और राज्य मुख्यालय के अधिकारियों और रोवर रेंजर का समर्पण भी अतुलनीय रहा। स्काउट अधिकारियों का दल कई माह से जंबूरी स्थल पर डेरा डाले हुए था, तब कहीं जाकर उजाड़ जमीन पर ग्लोबल विलेज की अवधारणा साकार हो सकी। रोवर-रेंजर सेवाधारियों ने बिना दिन रात देखें वहां की व्यवस्था संभाल कर मेहमान स्वयंसेवकों सहित सभी का दिल जीत लिया।
यह खास रहा 18वीं जम्बूरी में।
- 37142 संभागियों ने लिया भाग (अब तक की सर्वाधिक सहभागिता)
- 1400 गुणा 1000 वर्ग फ़ीट का अस्थाई स्टेडियम बना, जो वर्ड रिकॉर्ड है।
- हजारों बच्चों ने एक साथ जम्बूरी गीत गाया और पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली
- जम्बूरी में पहली बार फेशन शो
- जम्बूरी उद्घाटन पर पहली बार वायुसेना का सूर्यकिरण प्रदर्शन।