जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया कि पेपर लीक के मामले में कोई नेता और अधिकारी शामिल नहीं है। विपक्ष बदनाम करने के लिए इस तरह के बेतुके आरोप लगा रहा है। इसमें कोई दम नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सबूत और तथ्य दिए जाएं तो नेता और अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पेपर लीक के मुख्य सरगना के खिलाफ कार्यवाही की है और आगे भी की जाएगी। सीएम गहलोत ने मंगलवार को मंत्रियों के चिंतन शिविर शुरू होने से पूर्व पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हमारी यही सोच है कि जिसने पेपर लीक करने का यह षड्यंत्र किया है, हम उन तक पहुंचें। हम पहुंचें भी हैं। उन्हें आगे भी नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में तो लोग पेपर लीक होने के बाद फर्जी तरीके से नियुक्तियां पा जाते हैं।  प्रदेश में हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा में 25 लाख युवा बैठे थे। हमने उनकी सुविधा के लिए रोडवेज के साथ प्राइवेट बसों में फ्री यात्रा की सुविधा दी। सभी कलेक्टर से कहकर रहने खाने की व्यवस्था की। सब व्यवस्थाएं अच्छी हुई, लेकिन पेपर लीक हो गया। एग्जाम कैंसिल करना पड़ा। उसके कारण जो अच्छे काम किए, उन पर पानी फिर जाता है। ये जो बेईमान, गैंगस्टर हैं। उन को छोड़ेंगे नहीं, पूरी कार्रवाई करेंगे। सीएम गहलोत ने दावा करते हुए कहा कि तीन लाख से ज्यादा नौकरियां देने की हमारी उपलब्धि बहुत बड़ी है। यह उपलब्धि जनता तक नहीं पहुंचे, इसलिए विपक्ष के लोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। बार-बार लोगों को गुमराह कर रहे हैं। विपक्ष के लोग पेपर लीक में नेताओं और  अधिकारियोंके झूठे नाम ले रहे हैं। जानबूझकर नेताओं के नाम ले रहे हैं।सीएम गहलोत ने कहा कि कोई अधिकारी और नेता इसमें शामिल नहीं है। पेपरलीक करने वालों की जो गैंग बनी हुई है, उसकी तह तक हम पहुंचे हैं। शिक्षा संकुल में क्या हुआ, वहां तक पहुंचे। लोग जेल गए हैं। जनता सब समझदार है, सब समझ जाएगी। पिछली सरकार के वक्त भी पेपर लीक हुआ था। आज तक कोई कार्रवाई हुई क्या ?