कोटा ब्यूरो रिपोर्ट।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के नए कार्यवाहक महानिदेशक हेमंत प्रियदर्शी की ओर से भ्रष्टाचार के मामलों में पकड़े गए आरोपियों और संदिग्धों की पहचान उजागर नहीं किए जाने के आदेश के बाद से ही भाजपा और कांग्रेस के मंत्री प्रदेश सरकार पर हमला बोल रहे है। साथ ही कांग्रेस के सांगोद विधायक भरत सिंह ने भी अपनी ही सरकार पर सवाल उठाया है। उन्होंने सीएम को पत्र लिखकर इस आदेश को भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने वाला कदम बताया है। सांगोद विधायक भरत सिंह भ्रष्टाचारियों के खिलाफ पहले भी मोर्चा खोलते आए हैं। अब उन्होंने हेमंत प्रियदर्शी के इस आदेश पर ही सरकार को घेरा है। भरत सिंह ने सीएम अशोक गहलोत को लिखा कि ये आदेश भ्रष्टाचारियों को संरक्षण प्रदान करने जैसा है। ऐसी मानसिकता वाला अधिकारी प्रदेश की एसीबी का मुखिया रहने लायक नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र में लिखा है कि यह सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को ही चुनौती दे रहा है। ऐसे अधिकारी की जगह किसी अच्छे ईमानदार अधिकारी को इस पद पर नियुक्त किया जाए।
एसीबी के कार्यवाहक महानिदेशक का ये फरमान।
एसीबी के नए कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने एक आदेश जारी किया है। इसके तहत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की सभी चौकियों और अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि ट्रैप होने के बाद जब तक न्यायालय से आरोप सिद्ध नहीं हो जाता, तब तक आरोपियों के नाम और फोटो उजागर नहीं होने चाहिए। उन्हें गोपनीय रखा जाएगा।
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