जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
नेट थिएट पर परंपरा नाट्य समिति द्वारा स्व.डॉ.हरिराम आचार्य द्वारा लिखित एवं तमाशा साधक रंगकर्मी दिलीप भट्ट द्वारा निर्देशित तमाशा शैली पर आधारित नाटक अग्नि परीक्षा के सशक्त मंचन ने दर्शकों को बांधे रखा। नेट थिएट के राजेंद्र शर्मा राजू ने बताया कि नारी उत्पीड़न के ज्वलंत प्रमाण को चरितार्थ करता यह नाटक कलाकारों के दृष्टिकोण पर खरा उतरा।जयपुर की तमाशा शैली 250 वर्ष पूर्व की शैली है नाटक में नारी की पीड़ा को दर्शाते हुए कलाकारों ने अपने सशक्त अभिनय से सीता की अग्नि परीक्षा, सती का आत्मदाह और पद्मिनी के जौहर को प्रस्तुत कर दर्शकों को बांधे रखा। नाटक में संगीत स्वर्गीय गोपी जी भट्ट का था। गायन व सूत्रधार दिलीप भट्ट  तथा अन्य मुख्य पात्रों में मनीष कुमार, अमोह टेलर, सिद्धि महेश्वरी, सिकंदर अब्बास, सचिन भट्ट, शशांक सोनी, मोनिका परिहार, निधि सिंह, आंचल अग्रवाल,  यश शर्मा, आंचल अग्रवाल ने अपने अभिनय से पात्रों को जीवंत कर दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी। नाटक के कोरस में पारस, वंशिका बघेरिया,,जतिन शर्मा,,प्रकाश सोनी ने अपनी गायन प्रतिभा का परिचय दिया। नाटक में तबले पर शैलेंद्र शर्मा, हारमोनियम पर मुकेश वर्मा सोनी, ढोलक सचिन भट्ट ने संगत कर नाटक को गति प्रदान की। नाटक में कैमरा मनोज स्वामी प्रकाश जितेंद्र शर्मा, मंच सज्जा देवांग सोनी तपेश शर्मा, अंकित शर्मा नोनू एवं जीवितेश शर्मा की रही।