जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना कार्यालय परियोजना निदेशक ने प्रेस रिपोर्ट जारी कर बताया है कि पेंशनर भ्रामक खबरों पर ध्यान नहीं दें।विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की दवाई पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है । यदि किसी के पास ऑथेंटिक आदेश हो तो वह कार्यालय में संपर्क करें या राज्य सरकार के 181 नंबर पर शिकायत दर्ज कराएं। परियोजना निदेशक शिप्रा विक्रम ने बताया की एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र द्वारा 21.01.2023 को राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना के सम्बन्ध में कुछ दवाइयों को विभाग द्वारा प्रतिबंध किया जाना बताया गया था।
निदेशक ने बताया कि प्रकाशित समाचार में किन्ही भी दवाओं को आरजीएचएस ने प्रतिबंधित नहीं किया है। उदाहरण के रूप में टूथपेस्ट आदि का उल्लेख किया गया है, ये पहले भी कभी नहीं दिये गये हैं और दवाओं की श्रेणी में नहीं आते है। दवाओं को बन्द करने के लिए पृथक से कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। इस सम्बन्ध में स्पष्ट किया जाता है कि राजस्थान सिविल सर्विसेज (मेडिकल अटेंडेंस) सल्म 2013 में अनुज्ञेय सभी दवाए आरजीएचएस के द्वारा दी जा रही थी और आज भी दी जा रही है। इस भ्रामक खबर के कारण फार्मेसी एवं दवा दुकाने भ्रम की स्थिति में है पुनः स्पष्ट किया जाता है कि ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। जिसमें नियमों के विपरीत दवाओं को बन्द किया गया है। आरजीएचएस ने पृथक से दवाईयों को नहीं हटाया है। राजस्थान सिविल सर्विसेज (मेडिकल अटेडेस) रूल्स में एलोपैथिक दवाईयों की निगेटिव लिस्ट की दवाईयों का पुनर्भरण पहले भी नहीं किया जाता था और आरजीएचएस द्वारा भी नहीं किया जा रहा है। प्रतिष्ठित अखवार में प्रकाशित बीपी, हार्ट, विटामिन डी कफ सिरप, ईसबगोल, बैड्रफ सॉल्यूशन, स्लीपिंग पिल्स, विटामिन की विटामिन ए और हीमोग्लोबिन बी-12 की 30 दयाओं में से किसी भी दवाई को बन्द नहीं किया गया है। किसी भी प्रकार के भ्रम की स्थिति में नहीं आए। नियमों में उल्लेखित सभी दवाएं दी जा रही है, ऐसी किसी भी प्रकार की स्थिति में हैल्पलाइन 181 पर शिकायत दर्ज कराए और पेंशनर समाज के पास ऐसा कोई आदेश या पत्र है तो आरजीएचएस को अवगत कराएं।
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