जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की त्योरियां उस वक़्त चढ़ गेन जब 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान के लिए बुलाई गई बैठक में उन्हें कई जिला प्रभारी गायब मिले। रंधावा ने बिना लिहाज किए मुख्यम्नत्री गहलोत को अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि कोई भी घर, पार्टी या देश बिना सख्ती और अनुशासन के नहीं चलते इसीलिए वे सख्ती बरतें। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए भी रंधावा ने स्पष्ट किया कि संगठन से जुडु बैठकों में उपस्तिथि अनिवार्य है। उन्हौने कहा की हर कार्यकर्त्ता का पार्टी के प्रति समर्पण और डीएनए देखा जाएगा।
रंधावा ने इस बात के भी संकेत दिए कि जल्द मंत्रिमंडल में बदलाव होगा और कहरब परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों की छुट्टी की जाएगी। प्रदेश प्रभारी ने भाजपा के लच्छेदार भाषणों और कांग्रेस के खिलाफ झूठे प्रचार का सख्ती से मुकाबले की जरुरत बताई। रंधावा ने कहा यह लड़ाई अड़=सां नहीं है इसीलिए प्रदेश के नेताओं को आपसी मतभेद भूलकर भाजपा से लड़ना होगा क्योंकि यह वक़्त है पार्टी की सेवा का। रंधावा ने मिलजुल कर पार्टी क्वे काम करने की सलाह देते हुए पंजाब का उदाहरण दिया जब पार्टी ने उन्हें टिकट दिया तो उनके पिता ने राजनीती से ही सन्यास ले लिया। अनुशासन को सर्वोपरि बताते हेउ रंधावा ने साफ़ कहा कि नेता पार्टी को समय नहीं दे सकते वे अपने घर बैठ जाएं। उन्होने प्रभारी मंत्रियों को कहा कि वे जब भी अपने प्रभार वाले जिलों में जाएं तो संगठन के माध्यम से सूचन वहां के कार्यकर्ताओं तक पहुंचाएं जिससे उनका दौरा सार्थक सिद्ध हो सके।
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