जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कर्मचारी राज्य सरकार का एक अभिन्न अंग हैं। सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम छोर तक पहुंचाने में कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि योजनाओं के निचले स्तर तक प्रभावी क्रियान्वयन में कर्मचारी एक अहम कड़ी के रूप में कार्य करते हैं। हमारी सरकार राज्य कर्मचारियों के हित में निरंतर कार्य कर रही है।गहलोत शासन सचिवालय में कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कर्मचारी संगठन अपने महत्वपूर्ण सुझावों के माध्यम से आगामी बजट को समावेशी एवं लोक कल्याणकारी बना सकते हैं। बजट के लिए राज्य सरकार सभी वर्गों के प्रतिनिधियों से सुझाव ले रही है। गहलोत ने कहा कि आज विभिन्न कर्मचारी संगठनों से महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए हैं। राज्य सरकार का प्रयास रहेगा कि उनके सकारात्मक सुझावों को बजट में शामिल किया जाए। बजट को जन केन्द्रित बनाने की दिशा में कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के सुझाव भी उपयोगी साबित होंगे।
ओपीएस के फैसले पर राज्य सरकार अडिग।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विगत चार वर्षों में कर्मचारी कल्याण में अभूतपूर्व फैसले लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा को देखते हुए मानवीय दृष्टिकोण से हमने ओपीएस को पुनः लागू किया। ओपीएस लागू होने से कर्मचारी भविष्य की चिंता से मुक्त होकर जिम्मेदारी के साथ कार्य कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपीएस के फैसले पर राज्य सरकार अडिग है। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा राजस्थान हैल्थ गवर्नमेंट स्कीम (आरजीएचएस) लागू की गई है। आरजीएचएस के माध्यम से सेवारत तथा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पूरी तरह कैशलेस उपचार एवं दवाईयों की सुविधा दी जा रही है। 
निरंतर संवाद जरूरी।
गहलोत ने कहा कि सरकार तथा कर्मचारियों के बीच निरंतर संवाद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से सरकार की सुशासन की संकल्पना पर असर पड़ता है तथा आमजन के कार्यों में अनावश्यक रूप से देरी होती है। संवाद कायम होने से विभिन्न प्रकार की समस्याओं का हल आसानी से समयबद्ध रूप से किया जा सकता है। गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी के समय कर्मचारियों ने कर्तव्यों का निर्वहन कर बेहतरीन कोरोना प्रबंधन में अपनी भूमिका निभाई। कर्मचारियों का यह सहयोग सराहनीय है।
कर्मचारियों के हित में लिए अहम फैसले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों को पदोन्नति के अवसर पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके लिए आवश्यकता पड़ने पर वर्ष में दो बार डीपीसी को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि 51 सेवा नियमों का अद्यतन किया गया है। वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन (एसीआर) को ऑनलाइन करने के साथ ही ऑटो अप्रूवल प्रक्रिया भी लागू की गई है। गहलोत ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में भी शिथिलन देकर राज्य सरकार द्वारा नियुक्तियां दी गई हैं। राज्य सरकार ने कर्मचारियों के हित में की गई लगभग सभी बजट घोषणाओं को पूरा कर लिया है तथा शेष घोषणाओं को जल्द पूरा कर लिया जाएगा। गहलोत ने कहा कि प्रदेशवासियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार द्वारा 1 करोड़ लोगों को पेंशन उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह तत्कालीन केंद्र सरकार ने पूरे देश में शिक्षा, स्वास्थ्य, सूचना एवं खाद्य का अधिकार लागू कर सभी को सामाजिक व आर्थिक संबल प्रदान किया, उसी तरह देश में एक समान सामाजिक सुरक्षा के लिए केन्द्र सरकार को 'राइट टू सोशल सिक्योरिटी एक्ट लागू करना चाहिए। इसके लिए चिंतन शिविर में मंत्रिपरिषद् सदस्यों ने एकमत प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा।
कर्मचारी हित में उठाए गए कदमों के लिए साधुवाद दिया।
विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने बजट पूर्व संवाद में उन्हें आमंत्रित करने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। प्रतिनिधियों ने ओपीएस को फिर से लागू करने, आरजीएचएस, मंत्रालयिक कर्मचारियों की नई भर्तियों एवं अन्य समस्याओं के समाधान की दिशा में उठाए गए कदमों, विसंगतियों को दूर कर पदोन्नति की राह खोलने सहित महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए राज्य सरकार को साधुवाद दिया। बैठक में मुख्य सचिव उषा शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा पीके गोयल, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव कार्मिक हेमंत गेरा, तथा 18 विभागों के 59 कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।