चित्तौड़गढ़-गोपाल चतुर्वेदी।
चित्तौड़गढ़ के पुठोली क्षेत्र में संचालित हो रहे हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड प्रशासन की ओर से घोसुंडा बांध निर्माण से करीब 1 दर्जन से अधिक गांव के प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि नहीं दिए जाने के विरोध में ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा वही समस्त किसानों ने मुआवजा राशि सात दिवस में नहीं दिए जाने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। इसके बारे में जानकारी देते हुए क्षेत्रवासी नारायण सिंह ने बताया कि चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत हिंदुस्तान जिंक वेदांता को पानी आपूर्ति के लिए घोसुंडा बांध का निर्माण राज्य सरकार और हिंदुस्तान जिंक द्वारा आपसी समझौते के अंतर्गत किया गया था जिसमें पंचदेवला,  सरलाई,सतपुड़ा सहित एक दर्जन से अधिक गांव का पुनर्वास किया गया। उसके तहत मुआवजा देना भी तय किया गया था, किंतु आज तक हिंदुस्तान जिंक द्वारा ना तो मुआवजा दिया गया और ना ही कोई आधारभूत विकास कार्य कराए गए हैं। जिसके लिए कई बार ग्राम वासियों ने समझौता पत्र व धरना प्रदर्शन कर हिंदुस्तान जिंक से मुआवजा राशि दिलाए जाने की मांग की है। लेकिन प्रशासनिक दखल के पश्चात भी हिंदुस्तान जिंक द्वारा यथोचित कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने बताया कि घोसुंडा बांध की भराव क्षमता 424.20 एम आर एल किए जाने के प्रस्ताव के कारण संबंधित ग्रामवासी व काश्तकार ना तो भूमि का उपयोग कर पा रहे हैं और ना ही रूपांतरण की कार्रवाई हो रही है इससे स्थानीय लोगों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है, उन्होंने बताया कि हिंदुस्तान जिंक ने क्षेत्रवासियों को रोजगार भी नहीं दिया है और वादाखिलाफी की है उन्होंने आगाह किया कि अगर 7 दिवस के अंदर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो घोसुंडा बांध का पानी बंद कर दिया जाएगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन और हिंदुस्तान जिंक की होगी।