नागौर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने पांच दिवसीय किसान सम्मेलनों की शुरुआत नागौर के परबतसर से की। दौरे के पहले दिन ही पायलट के युवाओं, किसानों और दलितों को साधने का प्रयास किया, जिससे लग रहा था जैसे वह आलाकमान को यह बता रहे हों कि राजस्थान के प्रमुख वर्गों की वह पहली पसंद हैं। पायलट का दौरा पूरी तरह से किसान और युवाओं पर केंद्रित था। जिस तरह से परबतसर में बड़ी तादाद में लोग उन्हें सुनने पहुंचे। उससे परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया के नंबर तो पायलट के सामने बढ़े ही इसके साथ ही पायलट आलाकमान को यह भी संदेश देने में कामयाब रहे की भले ही वह किसी पद पर नहीं हैं लेकिन जनता में वह लोकप्रिय नेता हैं।
इतना लंबा साफा कि दो बार रूकना पड़ा।
माना जाता है कि सचिन पायलट साफा बांधने में महारत रखते हैं। पायलट जिस भी सभा या रैली में जाते हैं, जनता की डिमांड पर साफा जरूर बांधते हैं। यहां तक कि विदेश में अपने कार्यक्रम में भी पायलट साफा खुद ही बांधते है। कुछ ऐसा ही परबतसर की सभा में भी हुआ। जब एक सामान्य साफे से काफी लंबा साफा पायलट को बांधने को दिया गया। साफे की लंबाई इतनी ज्यादा थी कि पायलट को बीच में दो बार रूकना पड़ा। लेकिन सभा में आई भारी भीड़ से उत्साहित पायलट ने अपनी थकान को नजर अंदाज किया और पूरा साफा बांधकर उसे परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया को पहना दिया।
खरनाल मंदिर में की तेजाजी की पूजा।
सभा के बाद पायलट खरनाल पहुंचे। जहां उन्होंने तेजाजी के मंदिर में पूजा अर्चना भी की। क्योंकि तेजाजी को राजस्थान का पूरा किसान तबका खासतौर पर जाट समाज अपना आराध्य मानता है। ऐसे में पायलट का करनाल मंदिर जाकर वीर तेजाजी की पूजा करना जाट समाज को अपने साथ साधे रखने की एक कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।
दलित किसान के घर पी चाय।
भारत छोड़ो यात्रा में जिस तरह राहुल गांधी ग्रामीणों से सीधा संवाद करते दिखाई दिए। उसी तर्ज पर सचिन पायलट भी नागौर प्रवास के दौरान खोंकर गांव में एक दलित किसान मुकेश मेघवाल के घर पहुंचे। जहां उन्होंने दलित परिवार के साथ चाय पी और परिवार के हाल ही जाने।