जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में विद्युत की बढ़ती मांग एवं कोयले की आपूर्ति में आ रही समस्या को देखते हुए विद्युत खरीद के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं ताकि आमजन और किसानों को खेती के लिए पर्याप्त विद्युत मिल सके। गहलोत ने कहा कि किसानों को विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता है। इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिएं। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में खराब ट्रांसफॉर्मर को बदलने या ठीक करने का कार्य त्वरित किया जाए। साथ ही ट्रिपिंग में भी सुधार कराएं। मुख्यमंत्री हरिश्चंद्र माथुर लोक प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित चिंतन शिविर में ऊर्जा सार्वजनिक निर्माण तथा जल संसाधन एवं इंदिरा गांधी नहर विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बजट में अभूतपूर्व घोषणाओं से राज्य के हर क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हुआ है। 40 लाख घरेलू उपभोक्तओं तथा 9 लाख किसानों का बिजली बिल हुआ शून्य ऊर्जा विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि विभाग की 70 बजट घोषणाओं में से 31 पूर्ण कर ली गई हैं तथा 39 प्रगतिरत हैं। मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना से लगभग 9 लाख किसानों का बिजली बिल शून्य हो गया है। मुख्यमंत्री घरेलू अनुदान योजना से करीब 40 लाख घरेलू उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य हो गया है। कृषकों के लंबित बिजली कनेक्शनों का भी जल्द निस्तारण किया जा रहा है। विगत 4 वर्षों में लगभग 3.28 लाख कृषि कनेक्शन जारी किए गए हैं। साथ ही, 2245 मेगावाट क्षमता वाला विश्व का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा पार्क राज्य में स्थापित किया जा रहा है। सौर एवं पवन ऊर्जा में राजस्थान अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों के गुणवत्तापूर्ण सुदृढ़ीकरण कार्य प्राथमिकता से किए जाएं। उन्होंने कहा कि डूंगरपुर में बेणेश्वर धाम पर बनने वाले पुल के कार्य को जल्द पूरा किया जाए। चिंतन शिविर में बताया गया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा विगत चार वर्षों में 24405 करोड़ रुपए व्यय कर 53789 किमी. लंबाई की सड़कों का विकास किया गया है। साथ ही 27618 करोड़ रुपए लागत से 47315 किमी. लंबाई की सड़कों का कार्य प्रगति पर है। वहीं, 14 आरओबी एवं 39 आरयूबी के कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं। कुल 2000 करोड़ रुपए की लागत से राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में मिसिंग लिंक एवं नॉन पैचेबल सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। प्रभावी निरीक्षण माध्यम से निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने जल संसाधन एवं इन्दिरा गांधी नहर विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान कहा कि प्रदेशवासियों को पीने और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इसमें पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) निगम का गठन किया गया। ईआरसीपी के तहत ही नवनेरा बैराज एवं ईसरदा बांध के 1226 करोड़ रुपए के निर्माण कार्य करवाए जा चुके हैं। विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि राजस्थान सिंचाई पुनरुद्धार कार्यक्रम के तहत 8200 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। राजस्थान फीडरसरहिन्द फीडर और इन्दिरा गांधी नहर योजना स्टेज प्रथम के 1459 किमी. के जीर्णोद्धार कार्य करवाए गए हैं।