चित्तौड़गढ़-गोपाल चतुर्वेदी।
चित्तौड़गढ़ जिले में बीती शनिवार रात को हुई बरसात और ओलावृष्टि से कहीं खुशी और कहीं गम लेकर आई हैं।चित्तौड़गढ़ में कुछ देर की बरसात ने नगर परिषद के लाखों रुपए के नालों के टेंडर से हो रही नालों के सफाई की पोल खोल कर दी। जिसमें सिर्फ कागजों में हो रही नालों की सफाई ने धरातल पर सफाई की पोल खोल दी।   नालों में जमा कचरा और कीचड़ बरसाती पानी से सड़कों पर आ गया। सड़कों पर कीचड़ जमा होने से दो पहिया वाहनधारियों को सड़कों पर फिसलते हुए भी देखा गया जिसमें करीब 3 लोग इस दौरान घायल भी हुए। चित्तौड़गढ़ शहर में विगत 3 वर्षों से बरसाती नालों की सफाई के लिए टेंडर प्रक्रिया बहुत ऊंची रेट में पहुंच गई है जो कि करीब 80 लाख के आसपास निविदा हुई। इसके बावजूद नगर परिषद के ठेकेदार इन नालों की सफाई नहीं कर पा रहे हैं और सिर्फ कागजो में सफाई दिखा कर नगर परिषद से मोटा भुगतान उठा रहे हैं। नालों की सफाई नही होने से बीती रात को कुछ ही देर की बरसात ने 80 लाख की सफाई व्यवस्था ने नगर परिषद की पोल खोल दी। वही जब रविवार सवेरे बरसात रुकने के बाद का नजारा देखा गया तो सड़कों पर नालों से निकला हुआ कीचड़ फैला हुआ था और सड़को पर फिसलन के चलते दोपहिया वाहनधारी इसका शिकार भी हुए। जानकारी में सामने आया है कि इन दुर्घटनाओं में 3 लोग घायल भी हुए हैं।जिन्हें उपचार के लिए जिला राजकीय चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया है।अब इन परिस्थितियों को देखते हुए नगर परिषद से यह प्रश्न कौन पूछे की क्या यही है 80 लाख रुपए के नालों की सफाई ?