जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव, नायला के 571 आवंटी पत्रकारों का दूसरा जत्था मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने मंगलवार को सीएमआर पहुंचा। जत्थे के आवंटी पत्रकारों ने मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में उनके पीएस सोभागमल वर्मा से मुलाकात की। उन्हें मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर एनक्लेव के पट्टे जारी करने में हो रही देरी से अवगत कराया तथा शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मुलाकात का निवेदन दर्ज कराया। मुख्यमंत्री से आश्वासन के बावजूद लॉटरी से आवंटित प्लॉटों के पट्टे देने में हो रही देरी से खफा 571 आवंटियों की मुहिम सोमवार से दुबारा शुरू हुई। चलो नायला संगठन के तत्वावधान में पत्रकार महेंद्र कुमार शर्मा, अमन वर्मा, रवि सिंह किरार, अविनाश शर्मा और सुरेंद्र सिंह चौहान का दूसरा जत्था मंगलवार सुबह सीएमआर पहुंचा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री के निजी सचिव सोभागमाल वर्मा से मिलकर जत्थे ने नायला आवंटियों के पट्टा वितरण में हो रही देरी पर रोष जताया। इस पर वर्मा ने मुख्यमंत्री के सीएमआर से बाहर होने की जानकारी दी और उनके आते ही पत्रकार आवंटियों की बात पहुंचाने का भरोसा दिया। साथ ही आगामी अपॉइंटमेंट लिस्ट में जत्थे के सदस्यों के नाम दर्ज किए। चलो नायला संगठन के प्रतिनिधियों ने बताया कि कई बार मुख्यमंत्री के कहने के बावजूद बिना किसी कमी के उनके आवंटित हो चुके प्लॉटों के पट्टे रोके जा रहे हैं। साल 2010 में राज्यपाल की आज्ञा से बनी राज्य स्तरीय आवास समिति ने निर्धारित सभी पात्रताओं और प्रदेश भर में पत्रकारों को आवास के लिए तय नियमों के अनुसार 571 पत्रकारों का चयन किया था। इसके बाद साल 2013 में जेडीए में उनकी लॉटरी निकलकर सभी को प्लॉट आवंटित किए गए। सभी आवंटियों से प्रथम किश्त के डीडी भी जमा कर लिए गए। आज भी पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव, नायला की ए, बी और सी तीनों कॉलोनियां जेडीए की वेबसाइट पर देखी जा सकती है। सभी 571 आवंटियों के नाम और लेजर बुक भी वेबसाइट पर मौजूद है। सभी 571 आवंटी अपने अपने प्लॉटों के स्वामी हैं तो उनके कब्जा पत्र क्यों रोके जा रहे हैं। बिना किसी कमी के निर्दोष आवंटियों के कब्जा पत्र और पट्टे नहीं देकर उनके साथ 9 साल से अन्याय किया जा रहा है। इसके खिलाफ चलो नायला संगठन हर स्तर पर लड़ाई लड़ने को तैयार है।
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