सवाई माधोपुर-हेमेन्द्र शर्मा।
सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर के गुढ़ा वन क्षेत्र में नर बाघ टी-57 ने आखिरकार लम्बी बीमारी के बाद दम तौड़ दिया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे वनाधिकारियों ने बाघ के शव को कब्जे में कर राजबाग नाका लाकर पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया। रणथंभौर का नर बाघ टी-57 पहले पेट की बीमारी से ग्रसित हो गया। हरकत में आए वन विभाग ने बाघ को ट्रेंकुलाइज कर उसका उपचार किया। लेकिन अगले ही दिन बाघ की तबीयत फिर से बिगड़ गई। उसके बाद कोढ़ में खाज का काम हुआ और बाघ टी-123 से टेरोटोरियल फाइट में बाघ टी 57 घायल हो गया। अब बाघ ने रणथंभौर में अंतिम सांस ली और हमेशा के लिए दुनिया से विदा हो गया। रणथंभौर के बाघ टी-57 की मौत से वन्यजीव प्रेमियों व वन विभाग में शौक की लहर है। पशु चिकित्सकों के अनुसार नर बाघ टी-57 की मृत्यु मेटास्टेटिक कैंसर बीमारी से हुई है। बाघ के लिवर में 2 किलो की गांठ और स्पीलन में लगभग 800 ग्राम की गाठं मिली है। इन्हें वेटरनरी विश्वविद्यालय बीकानेर और फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा जाएगा।