चित्तौड़गढ़-गोपाल चतुर्वेदी।
पूरे चित्तौड़गढ़ जिले में इन दिनों 32 वां सड़क सुरक्षा सप्ताह 11 से 17 जनवरी तक मनाया जा रहा है। वही चित्तौड़गढ़ से 5 किलोमीटर दूरी पर कोटा- बूंदी राजमार्ग पर मानपुरा क्षेत्र में संचालित हो रहे करीब एक दर्जन से अधिक अवैध गिट्टी क्रेशर और बड़ी मात्रा में खदानों से निकलने वाले खंडो को परिवहन करने के लिए कृषि कार्य में आने वाले ट्रैक्टर ट्रॉली का व्यवसायिक उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है जो की शहरी क्षेत्र से धड़ल्ले से सरपट दौड़ रहे हैं।
लेकिन राजनैतिक दबाव और प्रभाव के चलते यातायात पुलिस और परिवहन विभाग इन पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है।जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ से करीब 5 किलोमीटर दूरी पर मानपुरा क्षेत्र में संचालित हो रहे एक दर्जन गिट्टी क्रेशर और बड़ी मात्रा में अवैध तरीके से संचालित की जा रही खदानों से निकलने वाले पत्थर खंडों के रूप में कृषि कार्य में आने वाले ट्रैक्टर ट्रॉली में ओवरलोड भरकर चित्तौड़गढ़ और आसपास के क्षेत्रों में परिवहन किए जा रहे हैं। लेकिन स्थानीय राजनेताओं के दबाव के चलते यातायात पुलिस और जिला परिवहन विभाग इन अवैध तरीके से चल रहे वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। जानकारी में सामने आया है कि इन दिनों जिला परिवहन विभाग और यातायात पुलिस की ओर से 32 में सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाने की औपचारिकताएं पूरी की जा रही है। प्रतिदिन मानपुरा औद्योगिक क्षेत्र से 100 से अधिक ट्रैक्टर ट्रॉली ओवरलोड खंडे भरकर शहरी क्षेत्र से निकल रहे हैं। ऐसे क्या कारण है कि यातायात पुलिस और परिवहन विभाग इन पर कार्यवाही नहीं कर रहा है।जानकारी में सामने आया है कि ट्रैक्टर ट्रॉली का उपयोग सिर्फ कृषि कार्य में ही किया जा सकता है अन्य किसी भी तरह के व्यवसायिक उपयोग में इसका उपयोग नहीं किया जा सकता। लेकिन फिर भी धड़ल्ले से ट्रैक्टर ट्रॉली का उपयोग व्यवसायिक रूप में किया जा रहा है। शहरवासियों के मन में इन ओवरलोड खंडे भरकर ट्रैक्टर ट्रॉली निकलने से बराबर दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। पहले भी शहर में ट्रैक्टर ट्रॉली से खंडे गिरने से कई दुर्घटनाएं घटित हो चुकी है। जिसमें कुछ लोगों की मौत भी हो चुकी है। लेकिन फिर भी अवैध तरीके से व्यवसायिक रूप से काम में लिए जा रहे। ट्रैक्टर ट्रॉली पर इस महत्वपूर्ण सप्ताह में भी परिवहन विभाग और यातायात पुलिस की ओर से कार्यवाही नहीं करना और सब कुछ खुली आंखों से देखना यह समझ परे है! या फिर दोनों ही विभाग किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं यह सबसे बड़ा प्रश्न है?