जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक 16 और 17 जनवरी को दिल्ली में होगी। कहने को तो बैठक की अध्यक्षता भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे। बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। बैठक में होने वाले कर्नाटक, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा में होने वाले चुनावों पर चर्चा होगी। इसके अलावा पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति में प्रदेश भाजपा के भी कई प्रमुख मुद्दे चर्चा किए जाने की संभावना हैं। इन चर्चाओं के आधार पर प्रदेश की राजनीति के निर्णय भी होना संभव लगते हैं। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा भी होगी। राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर शर्मा के अलावा भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री डॉ अलका सिंह गुर्जर,नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, कार्यसमिति सदस्य डॉ. अरुण चतुर्वेदी, ओम माथुर, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल, केंद्रीय किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, भाजपा विधायक दल के उपनेता राजेंद्र राठौड़ सहित प्रमुख नेता शामिल होने का कार्यक्रम है।भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में राजस्थान में व्याप्त गुटबाजी और भविष्य में प्रदेश अध्यक्ष का फैसला और संगठन में जिले स्तर पर होने वाले बदलाव को लेकर भी चर्चा होने की बात सामने आ रही है। राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष का नेतृत्व किसको दिया जाए इसको लेकर भी पार्टी में गतिविधियां तेज है। ऐसा माना जा रहा है कि प्रदेश नेतृत्व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, घनश्याम तिवारी, अर्जुन लाल मेघवाल या किसी और को दिया जाए इस पर चिंतन मनन चल रहा है। एक ग्रुप यह सोच रहा है कि डॉ.सतीश पूनिया को ही प्रदेश अध्यक्ष रखा जाए लेकिन भविष्य में विधायक का चुनाव लड़ने के कारण डॉ. पूनिया को किनारे भी किया जा सकता है। यह बैठक 16 जनवरी शाम 4 बजे से शुरू होकर 17 जनवरी शाम 4 बजे तक चलेगी। राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। ऐसे में हाल ही में हुए भाजपा के जनाक्रोश अभियान की रिपोर्ट भी केंद्रीय स्तर पर मांगी जा सकती है। जनाक्रोश रथ यात्रा और जनाक्रोश सभाओं को लेकर मिले रिस्पॉन्स पर भी चर्चा हाे सकती है। जनाक्रोश अभियान में संगठन और नेताओं के स्तर पर हुई खामियों पर भी चर्चा हो सकती है। केंद्रीय संगठन इसे लेकर भविष्य की योजनाओं पर भी बातचीत कर सकता है। भाजपा नेताओं की एकजुटता को लेकर एक बार फिर पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक में नसीहत दी जा सकती है। इससे पहले दिल्ली में अक्टूबर में हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में भी केंद्रीय नेतृत्व ने राजस्थान के नेताओं को मिल-जुलकर रहने, एकजुटता दिखाने और सभी कार्यक्रमों में एक दिखने की नसीहत दी थी। मगर जनाक्रोश अभियान में ही यह देखने को नहीं मिला।
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