जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 
लंबे अंतराल के बाद प्रदेश भाजपा के सभी गुट एक मंच पर नजर आए हालांकि अपेक्षित भीड़ नहीं जुटा पाए। जनाक्रोश रैली को सबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि राजनीति में नेता की नीयत और नियती छोटी-छोटी हरकतों से पता चलती हैं। अगर नेता भामाशाह योजना का नाम बदलकर जनाधार योजना रखे तो इसे ये कहते है कि जिल्द को बदल दिया किताब तो वही है। इसमें होता कुछ नहीं है, लेकिन नेता की औकात पता चलती है कि सोच कितनी हल्की है। 
जयपुर के आदर्श नगर मेला मैदान में भाजपा की जन आक्रोश रैली के लिए 51 रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने से पहले आयोजित सभा को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार की अन्नपूर्णा रसोई चल रही थी। लेकिन इनको लगा की कांग्रेस पार्टी के प्रति तब तक वफादारी नहीं निभा नहीं पाएंगे, जब तक हम इसको इंदिरा रसोई नहीं करेंगे। यह जनता की सेवा नहीं करते हैं। भारतीय संस्कृति से जुड़ा अन्नपूर्णा नाम इन्हें पसंद नहीं है, लेकिन एक परिवार से जुड़ा हुआ नाम लेकर गीतगाते हैं। यही इनकी नीति है।नड्डा ने कहा कि भ्रष्टाचार, बेराजगारी, महिला अत्याचार, दलित अत्याचार, साइबर क्राइम में प्रदेश एक नंबर पर है। बिजली सबसे महंगी है। गहलोत सरकार यह रिकॉर्ड बना रही है।गुजरात में गहलोत घड़ियाली आंसू बहाते हैं और सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल राजस्थान में है। सांप्रदायिक तनाव बढ़ा है। जल जीवन मिशन को लेकर भी नड्डा ने सीएम गहलोत को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि जलशक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत राजस्थान से हैं। आपको चाहिए था कि दोनों हाथों से इनका उपयोग करते, लेकिन दुख के साथ कहना पड़ता है कि जल जीवन मिशन में भी गहलोत रोड़ा अटका रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश का विकास घटा हैं, इसे घटाने वाले सीएम गहलोत जिम्मेदार हैं। जिन्हें प्रदेश की जनता की बजाय अपने नेताओ और आकाओं की चिंता ज्यादा की है। नड्डा ने राहुल गांधी को भी घेरा और कहा कि राहुल अभी यात्रा पर है उनसे पूछना कि एक, दो, तीन, चार की गिनती भूल गए हो या याद है। कांग्रेस पार्टी आंखों में धूल झोंकती है। इनकी नीतियों के कारण 9 हजार किसान अपनी जमीन बेचने को मजबूर हो गए हैं। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने 51 जन आक्रोश रथ को रवाना किया।
भाजपा की इस रैली में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व सीएम राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पदाधिकारी सहित कार्यकर्ता मौजूद रहे। आम लोगों की।शिरकत मामूली थी।