जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के फीडबैक दौरे का असर दिखाई देने लगा है। यही कारण है कि 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक की जगह कांग्रेस विधायकों की ओर से दिए गए इस्तीफा प्रकरण का जल्द ही पटाक्षेप होने जा रहा है। कांगेस विधायकों के इस्तीफे देने के करीब 95 दिन बाद विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायक अपने इस्तीफे वापस ले लेंगे। प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने स्पीकर सीपी जोशी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में संभवत उन्होंने भी इस्तीफों की स्थिति और उस पर तकनीकी पहलू जाने हैं। अब सुखजिंदर सिंह रंधावा 3 दिन का अपना फीडबैक लेकर वापस दिल्ली लौट रहे हैं। उससे पहले ही यह खबर सामने आ गई है कि न केवल विधायक इस्तीफे वापस लेंगे बल्कि कुछ विधायकों ने पिछले दो दिनों में विधानसभा जाकर इस्तीफे वापस ले भी लिए हैं। ऐसे में राजस्थान में इस्तीफा पॉलिटिक्स अब लगभग समाप्त हो चुकी है। हालांकि अभी गहलोत खेमे के ज्यादातर मंत्रियों के इस्तीफा को लेकर जानकारी सामने नहीं आई है।
कोर्ट में दाखिल हो चुकी है याचिका।
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस्तीफों को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, तो वहीं राजेंद्र राठौड़ की ओर से इस मामले में कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है। 23 जनवरी से राजस्थान में विधानसभा सत्र शुरू होने जा रहा है और क्योंकि यह बजट सत्र है। ऐसे में सरकार इस्तीफों के चलते विपक्ष के निशाने पर आ सकती थी। अब हो स्पष्ट चुका है कि बजट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पेश करेंगे। ऐसे में किसी तरीके की कोई नेतृत्व परिवर्तन की गुंजाइश नहीं है, तो अगले कुछ दिनों में सभी विधायकों के इस्तीफे वापस ले लिए जाएंगे। गौरतलब है कि गत 25 सितंबर को कांग्रेस के 91 विधायकों ने अपने इस्तीफे दे दिए थे। विधायकों ने अपने इस्तीफे विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को सौंपे थे। हालांकि अब तक स्पीकर ने इस्तीफों को स्वीकार नहीं किया। इसे लेकर विपक्ष कांग्रेस पर लगातार हमलावर रहा था। अब इस्तीफे वापस लेने की जानकारी सामने आने के बाद इस मामले का पटापेक्ष होना तय माना जा रहा है।
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