चित्तौडगढ़-गोपाल चतुर्वेदी।
रात के अंधेरे में सफेदपोश जेसीबी और एलएनटी चलाकर गंभीरी नदी के पेटे को छलनी कर रहे हैं। जिसको देखकर भी खनिज विभाग के साथ सिस्टम में बैठे जिम्मेदार जानकार भी अनजान बने बैठे हैं। दरअसल चित्तौड़गढ़ शहर के निकटवर्ती मानपुरा गांव में त्रिवेणी संगम से कुछ मीटर कि दुरी पर गंभीरी नदी के पेटे से बड़ी बड़ी जेसीबी और एलएनटी लगाकर रसूखदार लोग खनिज विभाग की मिलीभगत के चलते मिट्टी की खुदाई कर अन्य जगहों पर सप्लाई की जा रही है। वहां मिट्टी की खुदाई के कारण जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं।
मौके पर दो-तीन जेसीबी और एलएनटी मशीन खड़ी है। दिन में यहां कोई गतिविधियां नहीं होती, लेकिन रात के अँधेरे मे आठ बजे के बाद जेसीबी और एलएनटी से बड़ी मात्रा में मिट्टी की खुदाई कर नदी के पेटे को खोखला किया जा रहा है। इससे पहले भी बारिश के दिनों में यहां नदी के पेटे में मिट्टी का कटाव होने से नदी का पानी खदान में भर गया था और खेतों की तरफ जाने वाला मार्ग अवरूद्ध हो गया था। यहां नदी पेटे से मिट्टी हटाकर बेची जा रही है। मिट्टी हटाने के बाद यहां रसूखात वाले लोगों ने खण्डों का अवैध खनन करने की तैयारी कर ली है। जो लोग अवैध खनन में पर्दे के पीछे रहकर काम करवा रहे हैं। वे राजनीतिक दल से जुड़े होने के कारण जिम्मेदारों ने आंखें बंद कर ली है। खनन से हो रहे प्रदूषण से परेशान लोगों ने कई बार खनन विभाग के अधिकारियों के पास गुहार लगाई। लेकिन वहां से उन्हें झूठा भरोसा दिलाकर आश्वासन दिया जा रहा है।बरहाल जिस तरह से विगत कुछ दिनों से मानपुरा सहित कई अन्य क्षेत्रों में अवैध खनन की गतिविधियां राजनीतिक संरक्षण में जोर-शोर से जारी है और जिस तरह से अवैध तरीके से किए जा रहे खनन करके महज चंद रुपयों की खातिर धरती का सीना छलनी किया जा रहा है और उसमें से निकलने वाली मिट्टी को कुछ रसूखदार लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। जिससे यह साफ जाहिर है कि इस पूरे अवैध खनन खेल में बड़े-बड़े लोगों का शामिल होने से इनकार नहीं किया जा सकता। इसी कारण खनिज विभाग के साथ अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी इस मामले में चाह कर भी बड़ी कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।
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