जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दिए गए आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने दाखिलों और सरकारी नौकरियों में ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें संविधान संशोधन के पक्ष में फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत के फैसले के बाद राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही प्रमुख दलों ने इसका स्वागत किया। गहलोत सरकार में मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने कहा कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए 10% कोटा बरकरार रखने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। गुढ़ा ने कहा कि ईडब्ल्यूएस के तहत आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। देश में दो ही जाति है, एक गरीब और एक अमीर। उन्होंने कहा कि गरीब किसी भी जाति का हो उसके साथ कोई भी व्यवहार नहीं रखता है, कोई अमीर किसी गरीब की बेटी से शादी भी नहीं करता है। उसकी सामाजिक रूप से कैटेगरी अलग हो जाती है। इसलिए इस देश में दो ही जाति मानकर चलना चाहिए, एक गरीब और एक अमीर। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। राजे ने ट्वीट करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय की ओर से अनारक्षित वर्ग के लिए 10% EWS आरक्षण की वैधता को जारी रखने के निर्णय का मैं स्वागत करती हूं। देश के आर्थिक रूप से पिछड़े एवं गरीब तबके के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता पर हम सभी को गर्व है।
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