ओबीसी आरक्षण को लेकर पंजाब के प्रभारी विधायक हरीश चौधरी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से मुलाकात की और इस मसले पर खुलकर बातचीत की। हरीश चौधरी ने इस मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इस मसले को लेकर शीघ्र ही कैबिनेट की बैठक बुलाकर फैसला किया जाए। उन्होंने कहा कि इस बारे में शीघ्र फैसला होना संगठन के लिए हितकर होगा।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और पंजाब में इसके लिए अलग नियम बने हुए हैं। ऐसे में राजस्थान में ओबीसी अभ्यर्थियों को कार्मिक विभाग द्वारा जारी परिपत्र से यहां के ओबीसी के लोगों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।जब तक इसमें सरकार से न्याय नहीं मिलेगा। उल्लेखनीय है कि ओबीसी आरक्षण और विसंगतियां दूर करने की मांग को लेकर प्रदेशभर के ओबीसी वर्ग से जुड़े अभ्यर्थियों ने 30 सितंबर को जयपुर के शहीद स्मारक पर विशाल धरना दिया था।
इसके बाद आनन-फानन में धरने का नेतृत्व कर रहे गुजरात प्रभारी विधायक हरीश चौधरी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के बीच हुई थी और उन्हें आश्वासन दिया गया था कि शीघ्र किया जाएगा। न्याय नहीं होने के कारण उन्हें अपनी पीड़ा बुधवार को ट्वीट जारी कर हिमाचल से करनी पड़ी थी। अब हरीश चौधरी हिमाचल चुनाव से प्रदेश में लौटे हैं और अपनी मांग को पुरजोर तरीके से फिर से उठा रहे हैं। अब इसका फैसला सीएम गहलोत के स्तर पर होना है। अभी तक उनसे मुलाकात होना बाकी है सीएम गहलोत जयपुर से बाहर है इसलिए मामला तत्काल सुलझने वाला नहीं है।इससे पहले हरीश चौधरी ने अपने निवास पर ओबीसी विसंगतियों के मामले को लेकर पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी और कहा कि अगर न्याय नहीं मिला तो वह आंदोलन और तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके कार्यालय ने जो आश्वासन प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ दिया था वह पूरा नहीं हुआ यही कारण है कि उन्हें यह पीड़ा प्रेस के सामने बतानी पड़ रही है।
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