सवाई माधोपुर-हेमेन्द्र शर्मा।
सवाई माधोपुर की मानटाउन थाना पुलिस को एटीएम में चोरी के प्रयास में मनोरोगी को पकड़ कर जेल भेजना एंव इनाम लेना भारी पड़ गया। घटना के कुछ दिन बाद ही मामले की पोल खुलने पर यह प्रकरण पुलिस के लिए गले कि फांस बन गया है। मेडिकल रिपोर्ट के बाद जब पुलिस आरोपी की रिहाई के लिए कोर्ट पहुंची तो पुलिस की कलई खुल गई। अब मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मानटाउन थानाधिकारी और अन्य जिम्मेदार पुलिसकर्मियों खिलाफ कठोर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। मामले में अब पुलिस अधिकारी आवश्यक कार्रवाई की बात कर रहे हैं। दरअसल पांच नवम्बर की रात पुलिस की गश्ती गाड़ी चेतक -2 (पीसीआर वैन) के जाप्ते ने मानटाउन थाना क्षेत्र स्थित सिविल लाइन के पास आईडीबीआई के एटीएम में छेड़छाड़ करते एक व्यक्ति को पकड़ा था । पुलिस द्वारा यह कार्रवाई बैंक के मुम्बई स्थित मुख्यालय से मिले अलर्ट पर की गई। कार्यवाही के बाद रेंज आइजी ने चेतक प्रभारी एएसआइ दशरथ व अन्य को पांच हजार तथा एसपी ने एक हजार रुपए का रिवार्ड देने की घोषणा की। पुलिस ने आरोपी को 6 नवम्बर को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत की अर्जी पेश की, जिस पर कोर्ट ने आरोपी को जेल भेज दिया।थानाधिकारी मानटाउन ने 9 नवम्बर को सम्बंधित कोर्ट में अर्जी पेश कर कहा कि आरोपी मनोरोगी है, उसे रिहाई दी जाए। कोर्ट ने 10 को रिहाई आदेश के साथ इसकी प्रति मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को प्रेषित की। मामले में सीजेएम अशोक सैन ने 11 नवम्बर को तल्ख टिप्पणी करते हुए आदेश दिया, जिसमें लिखा कि मौके पर ही सम्बंधित व्यक्ति मानसिक रोगी प्रतीत हो रहा था। आईओ हरसुख ने 6 नवम्बर को पहले जनरल अस्पताल में मेडिकल ज्यूरिष्ट के यहां पेश किया। वहां ड्यूटी डॉक्टर ने बताया कि मनोचिकित्सक गौरव दोपहर बाद आएंगे। आइओ ने बिना जांच आरोपी को कोर्ट में पेश कर दिया। कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इसके बाद आइओ ने आरोपी का मनोचिकित्सक से परीक्षण कराया। उन्होंने उसे मनोरोगी बताया और उपचार की आवश्यकता जताई। आइओ ने यह तथ्य कोर्ट को बताए बिना आरोपी को जेल में दाखिल करा दिया। इसे कोर्ट ने गम्भीर लापरवाही मानी है। आदेश में यह भी लिखा कि पुलिसकर्मियों को इनाम भी दिया गया है। सीजेएम ने डीजीपी को मानटाउन थानाधिकारी व अन्य दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।