पाली-मनोज शर्मा।
ठेकेदार हनुमानसिंह राजपुरोहित आत्महत्या प्रकरण पर एक्शन लेते हुए नगर परिषद सभापति रेखा भाटी को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है। मृतक द्वारा लगाए गए आरोपों की गंभीरता को देखते हुए भाजपा ने यह कडी कार्यवाही की है।
यह लिखा पत्र में।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनिया ने रविवार को जारी पत्र में लिखा है कि आपके विरू़द्ध ठेकेदार हनुमान सिंह ने आत्महत्या करने के पूर्व एक पत्र लिखकर उसके द्वारा नगरपरिषद पाली में किए गए कार्यों के भुगतान करने से पहले आप व अन्य अधिकारियों द्वारा रिश्वत राशि मांगने का आरोप अपने पत्र में लगाया है। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए आपको भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया जाता है। यदि आपको हनुमानसिंह ठेकेदार द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में कोई स्पष्टीकरण देना हो तो 15 दिवस में प्रस्तुत कर दें। गौरतलब है कि राजपुरोहित ने आत्महत्या से पहले लिखे सुसाइड नोट में आरोप लगाया था कि नगर परिषद में किए गए कार्यों का भुगतान करने के लिए सभापति व अन्य अधिकारियों द्वारा उनसे रिश्वत मांगी जा रही है। इन आरोपों की गंभीरता एवं शनिवार को हुए प्रदर्शन को देखते हुए पार्टी ने आज एक्शन लिया है।
पूर्व में लग चुके हैं कमीशन मांगने के आरोप।
गौरतलब है कि सभापति रेखा-राकेश भाटी और पार्षदों में गतिरोध पिछले काफी समय से चल रहा है। पूर्व उप सभापति मूल सिंह भाटी कुछ माह पूर्व प़त्रकार वार्ता का आयोजन कर इस बात पर रोष जाहिर कर चुके हैं कि नगरपरिषद सभापति द्वारा उनसे पेमेंट के भुगतान के लिए 10 प्रतिशत कमीशन की मांग की जा रही है और कमीशन मांगने की शिकायत इन ठेकेदारों ने लिखित में जिला कलेक्टर को दी।
पार्षद भी लगातार कर रहे थे सभापति का विरोध।
वहीं दूसरी ओर पार्षद किशोर सोमनानी, जय जसवानी, तेजाराम भायल, राधेश्याम चौहान, विकास बुबकिया, बलवंत पेटल सहित कई पार्षद अपने वार्डोे में विकास कार्य नहीं होने एवं सभापति रेखा भाटी एवं उनके पार्षद पति द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं से सहीं व्यवहार नहीं करने की शिकायतें कर चुके हैं। और अब शुक्रवार को ठेकेदार हनुमान सिंह राजपुरोहित द्वारा आत्महत्या करने के बाद सभापति और उनके पति को निलंबित करने की मांग पर अड़ गए थे। शनिवार को जब बांगड अस्पताल में मोर्चरी के बाहर राजपुरोहित समाज एवं ठेकेदार संघ को प्रदर्शन चल रहा था उस दौरान भाजपा प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर पार्षदों से मुलाकात कर रहे थे। इसके बाद उन्होने अपनी रिपोर्ट बनाकर प्रदेश अध्यक्ष को सोंपी जिसपर रविवार को यह कार्यवाही की गई है।
पार्षदों ने सांसद के खिलाफ 5 घंटे की नारेबाजी।
अपना पक्ष रखने के बाद शनिवार को सभापति एवं उनके पति खिलाफ तुरंत कार्यवाही नहीं होने पर पार्षद नाराज हो गए थे और उन्हाने सांसद पी पी चौधरी के खिलाफ नारेबाजी भी की थी।
इसलिए हुआ निलंबन।
गौरतलब है कि नगर परिषद के ठेकेदार हनुमान सिंह राजपुरोहित ने ढाबर गांव में शुक्रवार शाम को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी और आत्महत्या से पूर्व सुसाइड नोट भी लिखा था। इस सुसाइड नोट में उन्होने लिखा था कि नगर परिषद में उनके दो से ढाई करोड़ रुपए बकाया हैं जिसका लंबे समय से भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने राकेश भाटी, आयुक्त बृजेश रॉय और लेखा शाखा के नरेश चौधरी परं आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था। इसके बाद मृतक के पुत्र ने रोहट थाने में दी गई रिपोर्ट में अपने पिता हनुमान सिंह को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के लिए सभापति रेखा भाटी, उनके पार्षद पति राकेश भाटी, आयुक्त बृजेश रॉय सहित लेखा शाखा के नरेश भाटी को जिम्मेदार ठहराया था।