जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राज्य के बांसवाड़ा-नाथद्वारा बेल्ट, राजसमंद बेल्ट, बाड़मेर और उदयपुर बेल्ट में आरएसएमईटी के वित्तीय सहयोग से खनिज खोज का व्यापक एक्सप्लोरेशन कार्यक्रम चलाया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं जलदाय डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य का प्रत्येक हिस्सा किसी ना किसी खनिज संपदा से संपन्न है। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा गठित राजस्थान राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट के सहयोग से प्रदेश में खनिजों की आधुनिकतम तकनीक और वैज्ञानिक तरीके से खोज खनन कार्य को गति देना शुरु किए जाने से सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने लगे है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस ने बताया कि आरंभिक सर्वेक्षणों के अनुसार बांसवाड़ा-नाथद्वारा बेल्ट में खनिज गोल्ड (सोने) के भण्डार संभावित हैं वहीं राजसमंद बेल्ट में खनिज एमरल्ड, बाड़मेर बेल्ट में खनिज रेयर अर्थ एलिमेंट्स और उदयपुर में खनिज फास्फेट के भण्डार चिन्हित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में आरएसएमईटी के सहयोग से एक्सटेंसिव एक्सप्लोरेशन कार्यक्रम चलाने का निर्णय किया गया है ताकि इन क्षेत्रों में खनिजों के भण्डार की उपलब्धता, गुणवत्ता आदि का आंकलन किया जा सके ताकि उपलब्ध भण्डारों के आधार पर ब्लॉक्स का निर्माण कर ई नीलामी की जा सके। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में चरणबद्ध तरीके से खनिज एक्सप्लोरेशन कार्य को गति दी जाएगी और प्राप्त रिपोर्टस के अनुसार खनिज ब्लाक्स तैयार कर नीलाम किए जाएंगे ताकि राज्य में उपलब्ध खनिज संपदा के खोज और खनन कार्य को गति दी जा सके। उन्होंने बताया कि इससे प्रदेश मे खनिज क्षेत्र में अधिक निवेश, अधिक रोजगार के अवसर और अधिक राजस्व प्राप्त होने के साथ ही वैश्विक पहचान बन सकेगी। निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि राज्य में खनिज ब्लॉकों के ऑक्शन कार्य में तेजी आई है। पिछले दिनों मेजर मिनरल के क्षेत्र में नागौर और जैसलमेर में लाईमस्टोन के दो ब्लॉकों की ई नीलामी की गई है। नायक ने बताया कि अधिकारियों का नए ब्लॉक तैयार कर ऑक्शन की आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि अवैध खनन को रोका जा सके और खनिज क्षेत्र से अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त हो सके। आरएसएमईटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एनपी सिंह ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा प्रदेश में आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता में सहयोग दिया जा रहा है। इसके साथ ही ड्रिलिंग कार्य में तेजी लाने के साथ ही प्राप्त सैंपल के समय पर परीक्षण करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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