जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोड़ा की अध्यक्षता में शासन सचिवालय के कॉन्फ्रेंस रूम में आगामी केंद्रीय बजट 2023-24 में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों के संबंध में विभिन्न व्यापारिक संगठनों के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा सुझाव लिए गए। बैठक में उद्योग जगत से संबंधित संगठनों ने केंद्रीय बजट प्रस्तावों में सम्मिलित किए जाने हेतु अनेक व्यवहारिक और महत्वपूर्ण सुझाव दिए। बैठक में संगठनों का मानना था कि एम एस एम ई सेक्टर को सुदृढ़ करने के लिए ऋण की उपलब्धता को सरल करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने एमएसएमई क्रेडिट कार्ड जारी करने की आवश्यकता पर बल दिया। संगठनों ने मनरेगा योजना को उद्योगों से जोड़ने के लिए बेरोजगारों को वोकेशनल ट्रेनिंग देने की बात कही। व्यापारियों ने जीएसटी के सरलीकरण पर जोर देते हुए कहा कि जीएसटी में व्यवहारिक समस्याओं पर गौर किया जाना चाहिए जैसे रिटर्न, एचएसएन कोड आदि के सरलीकरण का शीघ्र निदान हो। उन्होंने मांग की कि औद्योगिक इकाइयों में 20 कार्मिक होने पर उसे लाइसेंस लेने के लिए पीएफ की कटौती अनिवार्य है। बजट में सरकार को लेबर लाइसेंस लेने के लिए कार्मिकों की संख्या पीएफ कटौती के लिए 20 से बढ़ाकर कम से कम 50 करनी चाहिए तथा ईएसआई भी 10 के स्थान पर 20 कर्मचारियों पर किया जाए। वही लेबर वेलफेयर फेस में पेनल्टी और ब्याज संबंधी समस्याओं के समाधान की भी उन्होंने उम्मीद की। व्यापारिक संगठनों ने प्रमुख शासन सचिव को उद्यम पथ योजना का खाका भी तैयार करके दिया जिसमें उन्होंने टेक्निकल क्वालिफाइड को जोड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार से जोड़ते हुए उदयवीर बनाने की दिशा में प्रयास करने चाहिए। इसके साथ ही विभिन्न संगठनों ने अपने-अपने स्तरों पर केंद्रीय बजट को और मजबूत बनाने के लिए सुझावों का प्रस्तुतीकरण दिया।इस मौके पर प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोड़ा ने सभी संगठनों के प्रतिनिधियों से विभिन्न विषयों पर सुझावों को आमंत्रित कर राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय बजट हेतु प्रस्तुत किये जाने वाले प्रस्तावो में इन सुझावों को सम्मिलित कराने के प्रयास का आश्वासन दिया। बैठक में वित्त सचिव के.के पाठक, संयुक्त सचिव नम्रता वृष्णी, रवि कुमार सुरपुर आयुक्त वाणिज्य कर विभाग, के.के सिंह अतिरिक्त आयुक्त वाणिज्य कर विभाग सहित सम्बंधित अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में प्रदेश के विभिन्न उद्योग संगठनों यथा सी.आई.आई., फिक्की, फोर्टी समेत निर्यातक मंडल, खान,मार्बल, हैंडीक्राफट, जैम एंड ज्वेलरी एवं वस्त्र निर्यातकों के समूह के प्रतिनिधियों से चर्चा की गई।
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