जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान ललित कला अकादमी एवं पं. जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय बाल दिवस समारोह में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी एवं वरिष्ठ साहित्यकार फारूक आफरीदी ने कहा कि बच्चे देश की अमूल्य धरोहर हैं। इनके साथ संवेदनशील दृष्टिकोण रखना और उनकी प्रतिभाओं को निखारना समाज का दायित्व है। पं. जवाहर लाल नेहरू ने बच्चों के रचनात्मक विकास के लिए हमेशा प्रेरणा देते हुए उनके उत्थान को प्राथमिकता दी। बच्चों के हितों के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि बच्चों में एक-दूसरे के प्रति नफरत की भावना नहीं होती, उनमें कोई रंग भेद, जाति भेद, धर्म भेद नहीं होता। वे हम सबको एकता का संदेश देते हैं। इस अवसर पर श्री आफरीदी ने पं. नेहरू बाल कवि सम्मान तथा चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता बच्चों को स्मृति चिन्ह एवं पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया। 14 बाल कवियों को 5100-5100 रुपए और 28 बाल चित्रकारों को एक-एक हजार रुपए के नकद पुरस्कार दिए गए। कार्यक्रम के आरम्भ में नेहरू बाल साहित्य अकादमी के चैयरमेन इकराम राजस्थानी ने आगुन्तकों का स्वागत करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार ने देश की पहली बाल साहित्य अकादमी का गठन कर एक नया इतिहास रचा है। हम अकादमी के माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अनेक कार्यक्रम आरम्भ करने जा रहे है। राजस्थान ललित कला अकादमी के अध्यक्ष लक्ष्मण व्यास ने कहा कि चित्र प्रतियोगिता में नेहरू जी के सपनों के भारत को लेकर बच्चों ने जो चित्र उकेरे हैं वे स्वागत योग्य है। इस अवसर पर मेरे सपनों का भारत शीर्षक से 12 बच्चों ने स्वरचित काव्य पाठ कर श्रोताओं का मन मोह लिया।
कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष अवधेश दिवाकर ने कहा कि बच्चों पर किसी भी प्रकार का अत्याचार नहीं होना चाहिए यह जिम्मेदारी शिक्षकों और अभिभावकों की समान रूप से है।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी के निदेशक डाॅ. बी.एल. सैनी ने कहा कि राजस्थान सरकार बालकों के स्वास्थ्य शिक्षा पोषण एवं तकनीकी ज्ञान सहित सर्वांगीण विकास के लिए अद्भुत काम कर रही है और राजस्थान के बच्चे देश विदेश में प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। अब यह काम नेहरू बाल साहित्य अकादमी के माध्यम से आगे बढ़ेगा।कार्यक्रम के अन्त में नेहरू बाल साहित्य अकादमी के सचिव राजेन्द्र मोहन शर्मा ने कहा कि पं. नेहरू के सपनों के अनुसार हमारी अकादमी विज्ञान और साहित्य के क्षेत्र में बालकों की प्रतिभा को उजागर करने में जुट गई है।
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