चित्तौड़गढ़-गोपाल चतुर्वेदी।
मंगलवार को कार्तिक मास का अंतिम दिन है और इसी दिन पूर्णिमा भी है और पूर्णिमा के दिन चित्तौड़गढ़ की गंगा कहे जाने वाले गंभीरी नदी में विगत कई वर्षों से दीपदान करने की परंपरा है। लेकिन पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण होने के कारण सोमवार शाम को बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष गंभीरी नदी में दीपदान करने पहुंचे जहां पर चित्तौड़गढ़ की गंगा कहीं जाने वाली गंभीरी नदी मे जमा कचरे के साथ अन्य गंदगी के हालात देखकर दीपदान करने पहुंची व्रत धारी महिलाओं मे खासी नाराजगी देखी गई।
उन्होंने नगर परिषद पर चित्तौड़गढ़ की गंगा गंभीरी नदी की अनदेखी करने के आरोप भी लगाए।जानकारी के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया होने के कारण सोमवार शाम को महिलाए अपने व्रत का उद्यापन करने गंभीरी नदी पर पहुंची जहां पर महिलाओं ने बांस का जहाज बनाकर उस पर दीप रखकर नदी में प्रवाहित भी किया, लेकिन जब महिलाओं ने इस नदी की हालात देखें जिसमें नदी के किनारे पर बड़ी मात्रा में गंदगी जमा हुई थी और नाले का पानी गंभीरी नदी में मिलने के कारण इसका पानी भी बदबू मार रहा था। ऐसे में महिलाओं को घाट पर उतरने में भी महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वही पूजा कर दीपदान करने में महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके बारे में जानकारी देते हुए दीपदान करने पहुंची कृष्णा भंडारी ने बताया कि गंभीरी नदी का हाल बहुत ही बेहाल है। जिसकी नगर परिषद की ओर से विगत कई महीनों से सफाई भी नहीं करवाई गई। जबकि नगर परिषद प्रशासन को यह जानकारी होनी चाहिए कि आज महिलाएं दीपदान करने के लिए नदी पर पहुंचेगी तो ऐसे में इस नदी के घाट की सफाई करवाना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि इस नदी के तट के हाल यह है कि यहां पर गंदे कपड़े, फूटी हुई मटकिया के साथ नाले से बहता पानी जिसके साथ प्लास्टिक की थैलियां और अन्य अपशिष्ट पदार्थ के ढेर भी किनारे पर देखे जा सकते हैं। उन्होंने नगर परिषद पर इस नदी की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कम से कम त्यौहार के दिन तो यहां की सफाई के बंदोबस्त करवाना चाहिए। जिससे कि महिलाओं को पूजा करने में दिक्कत ना आए। शहरी क्षेत्र के निवासी ज्योति ने कहा कि जिस तरह से नदी के हालात हैं यह चित्तौड़गढ़ वासियों के लिए अच्छा संकेत नहीं है। देव दीपावली है और यहां पर महिलाएं कई वर्षों से दीपदान करने पहुंचती है लेकिन नगर परिषद ने इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया। जानकारी में सामने आया कि नगर परिषद को दीपदान के कार्यक्रम की जानकारी दी गई थी, लेकिन नगर परिषद के सभी अधिकारी और कर्मचारी पट्टा वितरण में व्यस्त रहे। जिससे गंभीरी नदी पर होने वाले इस बड़े धार्मिक आयोजन पर नगर परिषद की ओर से ध्यान नहीं दिया गया। जिसका नतीजा यह हुआ कि शहर की महिलाओं के आस्था के साथ नगर परिषद ने खिलवाड़ किया है और गंदगी के बीच उन्हें दीपदान और पूजा-अर्चना करनी पड़ी।
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