बाड़मेर ब्यूरो रिपोर्ट।
सचिन पायलट समर्थक वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने कांग्रेस हाईकमान की बगावत करने के जिम्मेदार नेताओं पर शीघ्र कार्रवाई करने और पायलट को जिम्मेदारी देने की मांग की।उन्होंने 25 सितंबर को हुए घटनाक्रम के बाद  प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ता और जनता में अनिश्चितता का वातावरण है।सीएम अशोक गहलोत सरकार अनिश्चितता से गुजर रही है। हाईकमान को 25 सितंबर की घटना के जिम्मेदार तीनों नेताओं के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस घटना से पार्टी को भारी नुकसान हुआ है। हेमाराम चौधरी बाड़मेर में पत्रकारों बातचीत करते हुए कहा कि सचिन  पायलट ने विपक्ष में रहते हुए पार्टी को फिर से जीवित किया। उनकी वजह से ही कांग्रेस सत्ता में आई। पायलट ने मेहनत की उस मेहनत को देखते हुए उन्हें जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। अगर एक तरफा चलेंगे तो पार्टी को नुकसान होगा। वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने की घटना अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे के सामने हुआ। उस पर अब तक फैसला नहीं हुआ। 25 सितंबर की घटना पर फैसला नहीं होने की वजह से कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने इस्तीफा भेज दिया है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं  प्रदेश में संगठन की क्या स्थिति होगी ? भारत जोड़ो यात्रा में असर नहीं पड़े इसलिए इस पर निर्णय  शीघ्र लेना चाहिए। अगर जल्दी फैसला नहीं किया तो यात्रा पर भी गलत असर होगा। वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि 25 सितंबर को हुए घटनाक्रम के बारे में पूरे देश की जनता को ध्यान है। उसके बाद प्रभारी महासचिव अजय मकान ने उस घटना की रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को दे दी थी। संगठन महामंत्री कैसी वेणुगोपाल ने दो दिन में घटना पर निर्णय लेने के लिए कहा था।लेकिन इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी उसके बारे में निर्णय नहीं होने से एक अनिश्चितता का वातावरण बना हुआ है। इस अनिश्चितता के वातावरण को खत्म किया जाना बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि अब शीघ्र निर्णय नहीं लेने पर इससे और ज्यादा नुकसान पार्टी को होगा। हमारा लक्ष्य 2023 के चुनाव में फिर से कांग्रेस की सरकार बनाने का है। निर्णय में देरी हुई तो सरकार नहीं बना पाएंगे। पार्टी को अब तक बहुत नुकसान हो चुका है। सरकार अनिश्चितता के दौर में गुजर रही है। ऐसे में जो भी निर्णय हाईकमान उचित समझे वो निर्णय लेना चाहिए। वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि मैं तो 2013 में भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहता था। अब 2023 के चुनाव में मेरी उम्र हो जाएगी। मुझे राजनीति में 50 साल हो चुके हैं। अब मैं जगह खाली नहीं करूंगा तो युवा को कैसे मौका मिलेगा। मेरी जगह किसी युवा को मौका दिया जाए। वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि पार्टी हाईकमान को बिना समय का इंतजार किए फैसला करना चाहिए। मैं मंत्री रहूं या नहीं रहूं, मैं मंत्री पद छोड़ने को तैयार हूं। अगर चुनाव में रिजल्ट नहीं आए तो मेरा मंत्री पद पर रहना ही बेकार है। 2023 में फिर से सरकार बने, चार साल में ही अगर नौ की तेरह नहीं की तो अब क्या कर लेंगे ?