जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
जयपुर के राजस्थान विश्वविद्यालय में वर्षो से अस्थाई तौर पर विभिन्न पदों पर कार्य करने वाले संविदा कार्मिको ने शुक्रवार को मंत्री बी.डी. कल्ला जो कि संविदा कर्मियों को नियमित करने कि कमेटी के चेयरमैन है से मिलकर ज्ञापन सौपा। संविदा कर्मियों ने ज्ञापन में सरकार द्वारा संविदा कर्मियों को स्थाई करने का निर्णय का स्वागत किया तथा बी.डी. कल्ला एवं मुख्यमंत्री के पक्ष में नारे लगाये एवं इस बात से दुख जायर किया कि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को ठेकाकर्मी मानकर संविदाकर्मी नहीं माना जा रहा है। कार्मिकों ने बताया कि उनके कई साथी पिछले 20 से 22 साल से बतौर अस्थाई संविदाकर्मी रूप में कार्य कर रहे है। समय-समय पर तत्कालिन राज्य सरकारो के दिशा निर्देशों के आधार में उनके कार्यनाम को पूर्व में संविदाकर्मी, ठेकाकर्मी एवं बाद में निविदा कर्मी, एजेन्सी कर्मी, अलग-अलग व्यवहारिक नामों से कार्य करवाया गया जिसमें एक स्थाई कार्मिक के सामने रोजगार करना प्रथम मजबुरी होती है। पदनामों को बदलना एजेन्सियों को बदलना आदि कार्य समय-समय पर तत्कालिन सरकारों के दिशा निर्देशों से होता रहा है। जब राज्य सरकार ने यह तय कर लिया है कि 05 साल से अधिक समय से जो लोग अस्थाई तौर पर सरकारी विभिन्न विभागो में अस्थाई तौर पर कार्य करने वाले सभी कार्मिकों को शामिल किया जाना चाहिए। बी.डी. कल्ला ने ज्ञापन देने वाले कर्मचारीयो से मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री आदि से मिलने को कहा तथा आश्वासन दिया कि ये कमेटी में उनके पक्ष को जरूर रखेगे इस पर अस्थाई संविदा कर्मियों ने बी. बी. कल्ला एवं मुख्यमंत्री एवं कांग्रेसी नेता के. के. हरितवाल के समर्थन में जिन्दावाद के नारे लगाये। इस दौरान सभी संविदाकर्मी मौजूद थे।
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