जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
सचिन पायलट के बाद अब उनके गुट के विधायक भी नए सीएम पर फैसला और उन तीन नेताओं पर कार्रवाई की खुलकर बात करने लगे हैं जिन्हें कांग्रेस के पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खरगे और प्रभारी अजय माकन की रिपोर्ट के आधार पर अनुशासन समिति द्वारा नोटिस दिया था। पायलट समर्थक अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष और विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने सीएम अशोक गहलोत और उनके गुट के विधायकों पर निशाना साधा। उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में आने से पहले ही विधायक दल की बैठक बुलाकर नए नेता का चयन करने और नोटिस वाले तीनों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। बैरवा ने कहा कि एक साल का राज बचा है, फिर से राज में आना है तो सब शीघ्र फैसले करने होंगे। जो कुछ करना है वह एक साल में ही करना होगा। जिन्हें बदलना है वह काम राहुल गांधी की यात्रा से पहले ही कर देना चाहिए। जिन्हें बदलना है तो उन्हें तत्काल कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल की यात्रा निश्चित तौर पर राजनीतिक तौर पर कांग्रेस में व्यापक बदलाव करने वाली रहेगी। प्रभारी महासचिव अजय माकन को यह कहना पड़ा कि 52 दिन हो गए, कार्रवाई नहीं हुई। वहीं विधायक दिव्या मदेरणा ने भी कांग्रेस अध्यक्ष से माकन का इस्तीफा नहीं स्वीकार करने की मांग की है।बैरवा ने कहा कि विधायक दल की बैठक तत्काल बुलानी चाहिए जिससे कि फैसला  संभव हो सके । राहुल गांधी की यात्रा से पहले सभी विधायकों का मन टटोलना चाहिए। मन में पता नही क्या क्या टीस है ? यात्रा से पहले सब ठीक होना चाहिए। बैरवा ने कहा कि यही तो रोना है कि विधायक दल की बैठक होनी थी, अब पहले उस बैठक के क्या नतीजे निकले वह सबके सामने हैं , मामला लंबित पड़ा है। वह बैठक दोबारा नहीं हुई। आम कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति है, क्या वह असमंजस मिटाना नहीं चाहिए ? वह आसमंजस तभी मिटेगा जब आलाकमान नए सिरे से विधायक दल की बैठक बुलाकर विधायकों की पीड़ा पूछे और फिर फैसला करें।बदलाव होगा और अगली सरकार भी आएगी, पहले 56 और 21 रह चुके हैं इसलिए आंकड़ा घटता हुआ आता है।बैरवा ने कहा कि अजय माकन के पद छोड़ने से आम कांग्रेसी को धक्का लगा है। हमारे प्रभारी महासचिव को यह कहना पड़े कि 25 सितंबर को 52 दिन हो गए और कार्रवाई नहीं हुई। 25 सितंबर को जो हुआ वो आज के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के सामने हुआ। उस दिन क्या ड्रामा हुआ, हम तीन घंटे तक सीएम हाउस पर बैठक के लिए इंतजार करते रहे। आलाकमान ने माना कि तीन लोग जिम्मेदार थे, उन तीनों के खिलाफ 52 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं होना गंभीर बात है। राहुल गांधी की यात्रा से पहले जो भी बदलाव करने हैं वह कर लेने चाहिए। बैरवा ने कहा कि विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के मामले में उस समय तीन नेताओं को दोषी माना था। उनके खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं हुई, तीनों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।