जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ-साथ पारदर्शी, संवेदनशील एवं जवाबदेह सुशासन में स्वयंसेवी संगठनों एवं सिविल सोसायटी की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता के अनुसार नवाचार के लिए दिए गए मूल्यवान एवं सारगर्भित सुझावों को आगामी बजट में स्थान देने का पूरा प्रयास किया जाएगा। इनके सुझावों के आधार पर हम ऎसा बजट लाने का प्रयास करेंगे जो प्रदेश के समग्र विकास को गति देने वाला हो।
राज्य सरकार इस बार का बजट युवाओं एवं छात्रों की भावना के अनुरूप तैयार करने जा रही है। गहलोत सचिवालय में स्वयंसेवी संगठनों, सिविल सोसायटी तथा उपभोक्ता फोरम के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा सामाजिक सुरक्षा से जुड़े कार्यों में प्रगतिशील सोच के साथ फैसले लिये हैं। प्रदेश में जनकल्याणकारी योजनाओं के लागू होने के चलते ही गरीब एवं वंचित वर्ग का जीवन स्तर ऊपर उठा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनकल्याणकारी बजट तैयार करने में स्वयंसेवी संगठनों तथा सिविल सोसायटी की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है ताकि हर वर्ग तक बजट का लाभ वास्तविक रूप में पहुंच सके।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी योजनाओं एवं नीतियों के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में विभिन्न संगठनों द्वारा दिए गए फीडबैक की महवपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी संगठनों, सिविल सोसायटी तथा उपभोक्ता फोरम के प्रतिनिधियों के साथ हुई चर्चा के दौरान कई महवपूर्ण सुझाव आए हैं, जिन्हें बजट में शामिल कर क्रियान्वित करने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। गहलोत ने कहा कि समाज के सभी वर्गों की भागीदारी से ही प्रदेश का समग्र विकास होगा। गहलोत ने कहा कि सामाजिक संगठनों ने पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, खाद्य सुरक्षा, रोजगार, पोषण, पारदर्शिता, कचरा प्रबंधन, सड़क सुरक्षा, नशा मुक्ति, उपभोक्ता हितों के संरक्षण, लैंगिक एवं सामाजिक समानता जैसे बुनियादी मुद्दों पर निरन्तर उपयोगी फीडबैक देने का काम किया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा अगले बजट के लिए सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। 12 घंटों में ही प्रदेशवासियों से लगभग 21 हजार सुझाव प्राप्त हो चुके हैं।स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने कोरोना के बेहतरीन प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा उठाये गए कदमों की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के प्रबंधन की देश-विदेश में सराहना हुई है। इससे पहले अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज अभय कुमार ने बैठक की शुरूआत में सभी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों से प्राप्त सुझावों पर गंभीरता से विचार कर उन्हें आगामी बजट में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा। बैठक में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए। इसमें सड़क दुर्घटना पीड़ितों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने व उनकी जीवन रक्षा के लिए प्रावधान, मूक-बधिर बच्चों की शिक्षा को प्रोत्साहन, व्यवसायिक प्रशिक्षण का प्रबंध, दिव्यांग बच्चों के लिए विश्वविद्यालय, घुमंतू जातियों को राज्य सरकार की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ देने के लिए उनका आर्थिक व सामाजिक सर्वेक्षण तथा स्थाई आवास का प्रबंध, मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए उचित काउंसलिंग की उपलब्धता, जवाबदेही कानून, स्कूली शिक्षा में ही बच्चों को कानून की पढ़ाई से जोड़ने, महिलाओं से जुड़े स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहन देने, प्रशासन शहरों के संग व प्रशासन गांवों के संग अभियानों में जनसंगठन की भागीदारी सुनिश्चित करने आदि से संबंधित सुझाव प्राप्त हुए।.मुख्य सचिव उषा शर्मा ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस वर्ष बजट आने से काफी पहले बजट पूर्व संवाद आयोजित किए जा रहे हैं। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, उद्योग मंत्री शकुन्तला रावत, पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा, जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया सहित मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्य, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा, मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. गोविन्द शर्मा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, प्रदेशभर से आए स्वयंसेवी संगठनों, सिविल सोसायटी एवं उपभोक्ता फोरम के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।