अलवर ब्यूरो रिपोर्ट।
वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने सरिस्का अभयारण्य में पहुंचकर संबंधित अधिकारियों की बैठक ली तथा सरिस्का बाघ परियोजना क्षेत्र का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। चौधरी ने सरिस्का बाघ परियोजना के अधिकारियों से बाघों की मॉनिटरिंग एवं उनकी ट्रैकिंग व्यवस्था तथा रणथम्भौर से लाए गए बाघों की वर्तमान स्थिति, मूवमेंट के क्षेत्र, उनके स्वास्थ्य आदि के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने वन क्षेत्रों का निरीक्षण कर वन्यजीवों हेतु पानी सहित अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने निर्देश दिये कि वन एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए मॉनिटरिंग व्यवस्था मजबूत करे। उन्होंने सरिस्का प्रशासन द्वारा वन क्षेत्र में कराए गए जूलीफ्लोरा एवं अन्य खरपतवारों के उन्मूलन कार्यों का अवलोकन कर कार्यों की सराहना की और अधिकारियों को निर्देश दिये कि इन कार्यों को निरन्तर जारी रखे। 
उन्होंने बना व कालीघाटी चौकी पर तैनात कार्मिकों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों से भी बातचीत कर वन विभाग के साथ आपसी सामन्जस्य बनाये रखकर वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कहा। इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने वन एवं पर्यावरण मंत्री का स्वागत कर बाघ परियोजना सरिस्का में नये बाघों को शिफ्ट करने हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने सरिस्का क्षेत्र के आसपास पर्यटन को बढावा देने के लिए होटल बनाने वाले इच्छुक व्यक्तियों को रियायती दरों पर ऋण उपलब्ध करवाने एवं भूमि आरक्षित कराये जाने की मांग रखी। इस अवसर पर वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक सरिस्का आर.एन मीना, उप वन संरक्षक डी.पी जागावत, उप वन संरक्षक वन्यजीव जयपुर सागर पंवार, उप वन संरक्षक अलवर अपूर्वा श्रीवास्तव, उप वन संरक्षक विस्थापन जे.पी दैया, सहायक वन संरक्षक सरिस्का अरूण कुमार सहित वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।