जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
दिल्ली के राजस्थान पवेलियन में जयपुरी रजाईयों को काफी पसंद किया जा रहा है और उनके हल्के वजन, कोमलता एवं गर्माहट की खासियत की बजह से खूब खरीदारी भी हो रही है। पवेलियन में जयपुरी रजाईयां के स्टोल संचालक अब्दुल रऊफ ने बताया कि जयपुरी रजाईयां बनाना बुनकरों का वंशानुगत व्यवसाय है और इसे वे पिछली कई पीढ़ीयों से करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि जयपुर के जुलाहा सर्दी के मौसम में घरेलू उपयोग में आने वाले सभी प्रकार के उत्पादों को बनाते हैं, लेकिन रजाई बनाने में उन्हें विशेष योग्यता प्राप्त है। सर्दियों में दैनिक उपयोग के लिये रजाई की उच्च गुणवत्ता का उत्पादन उनकी विशेष पहचान है। रऊफ ने बताया कि रजाईयों को बनाने के लिए बेहतरीन सामग्री का उपयोग किया जाता है, वजन में हल्की होने के बावजूद ये बहुत ही गर्म और आरामदायक होती है। इनको बनाने में उच्च श्रेणी की शुद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण कपास का प्रयोग किया जाता है। साथ ही आधुनिक फैशनेबल एवं राजस्थानी डिजाइनों में इन्हें बनाया जा रहा है जिसे ग्राहकों द्वारा काफी पसंद किया जाता है। उन्होंने बताया कि ग्राहकों के लिये अलग-अलग आकृति और आकार में रजाईयां उपलब्घ हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा फाईवर और बनारसी जरी बार्डर पर सुंदर पुष्प डिजाईन और गहरे रंगों की रजाईयां भी बनाई जाती हैं। राजस्थानी शुद्ध कपास से पारंपरिक सांगानेरी हैंड ब्लाक प्रिंट में विश्व प्रसिद्ध जयपुरी डबल बेड की रजाईयां भी बनाई जा रही हैं जो कि दर्शकों द्वारा काफी पसंद की  हैं। रऊफ ने बताया कि जयपुरी रजाई बनाने की इस विशेष कला के लिये जयपुर के कई बुनकरों को राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। उन्होंने बताया कि हमारा हमेशा प्रयास रहा है कि ग्राहकों को उत्पादनों से अधिकतम संतुष्टि प्राप्त हो।