हनुमानगढ़-विश्वास कुमार।
शादी के बाद एक दुल्हन करीब डेढ़ माह तक अपने ससुराल में रही। एक दिन वह ससुराल पक्ष के लोगों के खाने में नींद की गोलियां मिलाकर उनके गहरी नींद में सोने के बाद घर में रखी नकदी व जेवरात समेटकर भाग गई। सुबह नींद खुलने पर ससुराल पक्ष के लोगों को इसका पता चला। उन्होंने लड़की के परिजनों से बात की तो पता चला कि उन्होंने गिरोह बना रखा है जो भोले-भाले लोगों को शादी के नाम पर ठगी का शिकार बनाता है। अपने साथ हुई ठगी का पता चलने पर वर के पिता ने टाउन पुलिस थाना में प्रार्थना पत्र सौंपा। लेकिन पुलिस ने न तो मुकदमा दर्ज किया और न ही कोई अन्य कानूनी कार्रवाई। इस पर वर के पिता ने बुधवार को जिला पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र सौंपकर मुकदमा दर्ज करवाकर न्याय दिलाने की मांग की। जानकारी के अनुसार सीताराम पुत्र दुनीराम सोरगर निवासी बिहारी बस्ती, वार्ड 45, टाउन ने बताया कि उसका पुत्र पवन शादी लायक था। लेकिन कहीं रिश्ता नहीं हो रहा था। इसी बीच उसके रिश्तेदार काले पुत्र किशनलाल निवासी सिरसा (हरियाणा) ने बताया कि महेन्द्र सोरगर जो मुरली सेठ ईंट भट्ठा, धूंधूर जिला सिरसा पर कार्य करता है, उसकी भांजी नीलम जो झकोली अड्डा कैथल में बैठी है, उसकी शादी नहीं हो रही है। वहां रिश्ता करवा देता हूं। इस पर वह अपने रिश्तेदार काले के साथ महेन्द्र के पास गए और बातचीत की तो महेन्द्र ने कहा कि शादी तो करवा देगा, लेकिन दो लाख रुपए देने पड़ेंगे। उसने कुछ रुपए कम करने को कहा तो महेन्द्र ने कहा कि वह अपने जीजा उदल एवं बहन बिमला को कैथल से बुला लेता है, बात कर लेंगे, तीन-चार दिन बाद आ जाना। 3-4 दिन बाद महेन्द्र ने फोन कर कहा कि वह और काले दोनों आ जाओ।
पुलिस ने दर्ज नहीं किया मुकदमा, एसपी से लगाई न्याय दिलाने की गुहार।
उसने अपनी बहन बिमला और जीजा उदल को बुला लिया है। दूसरे दिन वह व काले ईंट भट्ठे पर गए तो वहां पर महेन्द्र, बिमला पत्नी उदल झकोली अड्डा कैथल, राजेश पुत्र पूर्ण धमोड़ा थेड़ी तहसील राणिया जिला सिरसा, उसका भाई सुखदेव और नीलम पुत्री उदल वहां पर थे। बातचीत की और डेढ़ लाख रुपए में बात तय हो गई। लड़की भी दिखा दी। बात पक्की होने पर इन लोगों ने 50 हजार रुपए उसी समय मांगे और लड़का भी दिखा दो। उसने घर फोन कर लड़के पवन को बुलाया लिया और रुपए भी मंगवा लिए। इन लोगों ने लड़के को पसंद कर लिया। उसने 50 हजार रुपए इन्हें दे दिए और शादी की तारीख तय कर ली जो 17 सितम्बर 2022 तय हुई। इस तारीख को वह अपने बेटे की बारात लेकर धूंधूर के ईंट भट्ठे पर गया। वहीं पर फेरे करवा कर बिना दहेज दिए ही लड़की नीलम को रवाना कर दिया और वहीं पर शेष एक लाख रुपए भी इन लोगों ने ले लिए। नीलम ने ससुराल आने के दो-तीन दिन बाद झगड़ा शुरू कर दिया व बोलना बंद कर दिया। नीलम उसके फोन से किसी से बातें करती थी। 30 अक्टूबर को शाम को उसके फोन पर कॉल आई और नीलम का जीजा होने की बात कह नीलम से बात करवाने को कहा।
वर के पिता ने डेढ़ लाख रुपए देकर की थी अपने बेटे की शादी।
तब उसने नीलम से बात करवा दी। नीलम फोन लेकर कमरे में चली गई और करीब आधा घंटा तक बात की और फोन वहीं रख लिया। रात्रि के समय सब लोगों ने खाना खाया। खाना खाने के बाद सभी गहरी नींद में सो गए। रात्रि को किसी समय नीलम ने संदूक खोलकर उसमें रखे दो लाख दस हजार रुपए, आधा तौला सोने की बाली, सोने का एक ताबीज, दो सौ ग्राम चांदी की पाजेब, एक नथ सोने की निकाल ली और घर से भाग गई। सुबह जब काफी समय तक कोई उठा नहीं तो पास में ही रहने वाली बड़ी पुत्रवधू आई और सभी को उठाया। तब घर में नीलम नहीं मिली। इधर-उधर तलाश किया लेकिन वह नहीं मिली। घर संभाला तो सन्दूक खुली पड़ी थी और नकदी एवं सोने व चांदी के जेवरात गायब थे। जब उसे पता चला कि नीलम अपने मामा महेन्द्र के पास है। इस पर उसने महेन्द्र से बात की तो उसने कहा कि हमारा तो यही काम है। हमने नीलम को पहले भी कई जगह बेचा हुआ है। सीताराम ने आरोप लगाया कि नीलम ने अपने पिता उदल, माता बिमला, मामा महेन्द्र, जीजा सुखदेव व राजेश के साथ मिलीभगत कर षड्यंत्र रचकर शादी कर धोखाधड़ी कर रुपए ऐंठ लिए। साथ ही नीलम घर से नकदी व जेवरात चुराकर भाग गई। सीताराम के अनुसार उसने अपने साथ हुए धोखे के संबंध में मुकदमा दर्ज करवाने के लिए टाउन पुलिस थाना में 31 अक्टूबर को प्रार्थना पत्र सौंपा लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। इस कारण उसे अभी तक न्याय नहीं मिला है। सीताराम ने जिला पुलिस अधीक्षक से मुकदमा दर्ज करने के आदेश टाउन पुलिस को देकर ठगी करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर न्याय दिलाने की गुहार लगाई।