जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
ओबीसी आरक्षण विसंगति को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को आयोजित होने वाली कैबिनेट में फैसला करने की घोषणा की है। सीएम गहलोत ने पिछली  भाजपा सरकार के समय 2018 में जारी  परिपत्र को वापस लेने के संकेत दिए हैं। गुरुवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में ओबीसी आरक्षण पर फैसला होना तय माना जा रहा है। सीएम गहलोत ने ओबीसी मुद्दे पर नाम लिए बिना कांग्रेस नेता हरीश चौधरी को इशारों में निशाने पर लेते हुए कहा कि कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं।  सीएम गहलोत ने कहा कि ओबीसी नौजवानों की मांग भी वाजिब है। ओबीसी युवाओं की जो मांग है, पिछली सरकार से टेक्निकली गलती हुई है। हमने पूरा सर्वे करवाया है। पूरे देश 16 राज्यों और केंद्र के अंदर ओबीसी आरक्षण का जो फाॅर्मूला है, वह राजस्थान में भी लागू होगा। हम चाहेंगे कैबिनेट में डिस्कस करें, फैसला करें। अन्याय किसी के साथ नहीं होना चाहिए। सीएम गहलोत जयपुर में प्रदेश कांग्रेस नए कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि ओबीसी आरक्षण को लेकर यह कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं। उन्हें भ्रम नहीं फैलाना चाहिए। उनकी मांग को हमने एग्जामिन करवाया है। उनकी मांग में दम भी है। हमने पूर्व सैनिक अधिकारियों से बातचीत की है। उन्हें हम विश्वास में ले रहे हैं, क्योंकि पूर्व सैनिकों को भी नुकसान नहीं होना चाहिए। उन्होंने देश के लिए सब कुछ न्योछावर किया है। अपनी जान की बाजी लगाकर सेना में गए हैं, उनके हित भी पूरी तरह देखे जाएंगे। दोनों पक्षों के साथ पूरा न्याय होगा। मैं तमाम पक्षों से अपील करूंगा कि वे किसी पक्ष में हों, ओबीसी नौजवानों, पूर्व सैनिकों के हित को देखते हुए मेरी मार्मिक अपील है कि यह जातिगत मुद्दा नहीं बन जाए। सीएम गहलोत ने कहा कि यह जाट, राजपूतों का मुद्दा नहीं है। जिस तरह की ध्वनि निकल रही है, उससे दुख होता है। 40 साल से देख रहा हूं। जाट, राजपूत गुर्जर, मीणा कोई जाति हो, सबको कांग्रेस ने नजदीक लाने का प्रयास किया है। पिछली बार सीएम बना, तब शांति के लिए गुर्जर मीणाओं का मौन जुलूस निकलवाया था। जाट-राजपूतों के बीच झगड़े की बात कॉलेज वक्त में 50 साल पहले सुनते थे। आज कहां झगड़े होते हैं। वो टाइम चला गया है। थोड़ा-बहुत मनमुटाव तो हर जाति वर्ग में चलता रहता है। अगर कोई यह हालत पैदा कर दे कि जातियों में दूरियां और ज्यादा बढ़ें, यह उचित नहीं है। आप निश्चिंत रहें, सरकार निर्णय करेगी। सबके पक्ष का करेगी। सबको न्याय मिलेगा