पाली-मनोज शर्मा।
नगरपरिषद सभापति रेखा भाटी को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करने के बाद अब उनके पति नगरपरिषद पार्षद राकेश भाटी को भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है।गौरतललब है कि यह कार्यवाही नगर परिषद के ठेकेदार हनुमान सिंह राजपुरोहित द्वारा आत्महत्या करने के बाद की गई है। भाजपा ने इससे पहले सभापति रेखा भाटी को पार्टी से निष्काषित किया था और अब उनके पति राकेश भाटी पर भी यही कार्यवाही की गई है।भाजपा जिलाध्यक्ष मंशाराम के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के आदेश पर पार्षद राकेश भाटी को हटाया गया है। पूनिया ने अपने पत्र में राकेश भाटी को संबोधित करते हुए लिख है कि आपके विरू़द्ध दर्ज एफ आई आर में नगरपरिषद पाली के कार्यो को लेकर भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के आरोप लगाए गए हैं। आपको भाजपा की प्राथमिक सदस्याता से निलंबित किया जाता है।
यह रहा घटनाक्रम।
गौरतलब है कि गौरतलब है कि नगर परिषद के ठेकेदार हनुमान सिंह राजपुरोहित ने 4 नवंबर की शाम रोहट थाना क्षेत्र में स्थित ढाबर गांव में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी और आत्महत्या से पूर्व सुसाइड नोट भी लिखा था। इस सुसाइड नोट में उन्होने लिखा था कि नगर परिषद में उनके दो से ढाई करोड़ रुपए बकाया हैं जिसका लंबे समय से भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने राकेश भाटी, आयुक्त बृजेश रॉय और लेखा शाखा के नरेश चौधरी परं आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था। इसके बाद मृतक के पुत्र ने रोहट थाने में दी गई रिपोर्ट में अपने पिता हनुमान सिंह को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के लिए सभापति रेखा भाटी, उनके पार्षद पति राकेश भाटी, आयुक्त बृजेश रॉय सहित लेखा शाखा के नरेश भाटी को जिम्मेदार ठहराया था। राजपुरोहित ने आत्महत्या से पहले लिखे सुसाइड नोट में आरोप लगाया था कि नगर परिषद में किए गए कार्यों का भुगतान करने के लिए सभापति व अन्य अधिकारियों द्वारा उरनसे रिश्वत मांगी जा रही है। इन आरोपों की गंभीरता एवं राजपुरोहित समाज एवं ठेकेदारों के प्रदर्शन के बाद सभापति रेखा भाटी को 6 नवंबर को पार्टी से निष्काषित कर दिया गया था। इसके बाद से ही उनके पति पार्षद राकेश भाटी को भी पार्टी से निष्काशित करने की मांग भाजपा द्वारा की जा रही थी जिसके बाद यह कार्यवाही की गई है।
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