राजसंमद ब्यूरो रिपोर्ट।
राजसमंद के देवगढ़ में एक बुजुर्ग पूजारी दंपती को जिंदा जलाने के लिए पेट्रोल बम से हमला कर दिया गया। इस घटना के बाद कानून-व्यवस्था को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़े हो गए हैं। भाजपा इस घटना को लेकर कांग्रेस सरकार पर सवाल खड़े कर रही है। इस बीच प्राथमिक उपचार के बाद पुजारी दंपती को उदयपुर के महाराणा भूपाल चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। अब बुजुर्ग दंपती के बेटे ने गांव के लोगों और भीम-देवगढ़ विधायक सुदर्शन सिंह पर गंभीर आरोप लगाया है। पुजारी के पुत्र मुकेश प्रजापत के अनुसार उनका परिवार खाना खा रहा था। इसी दौरान करीब 12 से अधिक बदमाश आए और पेट्रोल बम से हमला कर दिया। इस घटना में पुजारी नवरत्न लाल और पत्नी जमना देवी बुरी तरह झुलस गए। मुकेश ने पानी डालकर आग बुझाई। उसने बताया कि विवाद को लेकर पहले ही कामली घाट चौकी पर रिपोर्ट भी दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।पीड़ित के पुत्र ने बताया कि रविवार शाम को वो अपनी दुकान पर काम कर रहा था। दुकान बंद कर हम लोग खाना खाने गए थे। इसी दौरान 12 से अधिक लोग आए और उन्होंने सबसे पहले मुझे पकड़ा और एक रस्सी से एक कोने में बांध दिया। बदमाशों के हाथ में पेट्रोल भी था, जिसको उन्होंने मेरे माता-पिता पर छिड़क दिया आग लगा दी। वहीं, दुकान में भी आग लगा दी। इस दौरान मेरी आंखों के सामने मेरे पिता जलते हुए बाहर आए। मैं बार-बार चिल्ला रहा था, लेकिन कोई अंदर नहीं आया। काफी संघर्ष करके मेरे को बांधी हुई रस्सी को मैंने तोड़ा। उसके बाद पास में पड़ी हुई पानी की बाल्टी लेकर आया और जलते हुए माता-पिता पर पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की। पीड़ित दंपती के पुत्र ने स्थानीय सरपंच विधायक सुदर्शन सिंह रावत और गांव के कई लोगों पर आरोप लगाया है। लंबे समय से हमारा परिवार मंदिर में पूजा-अर्चना करता रहा है, लेकिन स्थानीय सरपंच और विधायक ने मिलकर दूसरे आदमी को मंदिर में रखना चाह रहे हैं। इन लोगों ने मंदिर का ताला तोड़कर के दूसरे आदमी को मंदिर में पूजा करने के लिए लगा दिया। इस घटना के बाद हम 1 महीने से मेरे माता-पिता और हम लोग मंदिर नहीं जा रहे हैं। मंदिर की जमीन पर स्थानीय सरपंच और विधायक सुदर्शन सिंह दुकान बनाना चाहते हैं। पीड़ित के बेटे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से गुहार लगाकर कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाएं।