जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान हाईकोर्ट ने आरसीए चुनाव को लेकर दायर याचिकाओं को निस्तारित करते हुए चुनाव का रास्ता साफ कर दिया है। अदालत ने कहा कि याचिकाओं में पूर्व आईएएस रामलुभाया को आरसीए चुनाव अधिकारी बनाने को चुनौती दी गई है। अब उनकी ओर से इस पद से त्यागपत्र दिया जा चुका है। ऐसे में अब इन याचिकाओं पर सुनवाई का कोई अर्थ नहीं है। जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश दौसा जिला क्रिकेट संघ व अन्य की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिए। याचिकाओं के निस्तारण के बाद अदालत के अंतरिम आदेश से चुनाव पर लगी रोक भी स्वतः ही हट गई है। सुनवाई के दौरान आरसीए की ओर से अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त रहे सुनील अरोड़ा को आरसीए चुनाव कराने के लिए मुख्य चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है। वहीं पूर्व में नियुक्त किए मुख्य चुनाव अधिकारी पूर्व आईएएस रामलुभाया के भाई बीमार हो गए हैं। ऐसे में रामलुभाया यूएसए गए हैं। इसके चलते उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में जिला क्रिकेट संघों की ओर से दायर याचिकाएं सारहीन हो गई हैं, क्योंकि उनमें रामलुभाया की मुख्य चुनाव अधिकारी पद पर नियुक्ति को चुनौती दी गई है। वहीं जिला संघों की ओर से अधिवक्ता डॉ. अभिनव शर्मा ने कहा कि अदालत ने चुनाव पर अंतरिम रोक लगाई थी। ऐसे में आरसीए को रामलुभाया के त्यागपत्र देने की जानकारी नए चुनाव अधिकारी की नियुक्ति से पहले दी जानी चाहिए थी। हालांकि याचिकाकर्ताओं को नए चुनाव अधिकारी की नियुक्ति को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि उन्होंने अपनी याचिका में पूर्व न्यायाधीश स्तर के अधिकारी को ऑबर्जवर नियुक्त करने की प्रार्थना भी की थी। इस पर अदालत ने कहा कि वे चाहे तो इस संबंध में अलग से याचिका दायर कर सकते हैं।