डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक शाह मस्ताना महाराज के 131वें जन्मदिवस का पावन भंडारा जयपुर ब्लॉक की ओर से विधाधरनगर स्टेडियम में धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम में पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां उत्तरप्रदेश के जिला बागपत स्थित शाह सतनाम आश्रम बरनावा से ऑनलाइन गुरुकुल के माध्यम से साध-संगत से रूबरू हुए। भंडारे के पावन अवसर पर दो नए मानवता भलाई कार्यो का आगाज हुआ। इन कार्यो में 145वें कार्य के रूप में देश की पुरातन विरासत यानी हवन सामग्री या घी द्वारा वातावरण को शुद्ध करने के तहत सुबह-शाम अपने-अपने घरों में एक या एक साथ 17 घी या तेल के दिये जलाएंगे, का नया कार्य शुरू किया गया। इस कार्य की शुरुआत पूज्य गुरु जी ने 9 दीये प्रज्वलित करके की। जयपुर के अलावा यह भंडारा बीकानेर में भी आयोजित किया गया।
146 वें कार्य सीड कैंपेन यानी सोशल एंड स्पिरिचुअल सेल्फ लाइफ एंड रिच मेंट एंड एनहांसमेंट विद डिजिटल फास्ट। इस मुहिम के तहत प्रतिदिन दो घंटे, शाम को 7 से 9 बजे तक मोबाइल व टीवी से दूर रहकर इस दौरान घर-परिवार को समय देंगे, रिश्तों की संभाल करेंगे कार्य की शुरुआत हुई। इस अवसर पर पूज्य गुरु ने बढ़ते नशे को रोकने की कारगर पहल करते लोगों को जागरूक करने हेतु एक और वीडियो भजन 'जागो दुनिया दे लोको' को लॉन्च किया। इस सॉन्ग के माध्यम से पूज्य गुरु ने गांव-शहर के लोगों को नशे रुपी दैत्य को जड़ से खत्म करने गांव में ठीकरी पहरा लगाने का सशक्त संदेश दिया गया है। पूज्य गुरु सीड कैंपेन मुहिम के बारे में बताते हुए फरमाया कि यह एक प्रकार से डिजिटल व्रत होगा। अगर आप दो घंटे मोबाइल व टीवी से दूर रहेंगे तो कोई आफत नहीं आने वाली और इन दो घंटे को आप अपने परिवार को दोगे तो परिवार में बहार जरूर आएगी। क्योंकि आज के समय में सभी मोबाइल में इतना व्यस्त हो गए, जिससे हमारा संस्कृति खत्म हो गई। इसलिए परिवार को समय देना बहुत जरूरी है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में देश की संस्कृति व सभ्यता का अनूठा संगम देखने को मिला। राजस्थान के 45 मैंबर कुलभूषण इन्सां ने बताया कि इस अवसर पर 777 जरूरतमंद बच्चों को जैकेट व ट्रैकशूट, 131 गरीब परिवारों को एक माह का राशन दिया गया। वहीं इस दौरान पूज्य गुरु ने साईं शाह मस्ताना महाराज से नाम शब्द लेने वाले पुराने सत्संगी बहन-भाईयों को प्रेम निशानी देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर आई हुई समस्त साध-संगत को मूंग का हलवा, गुलदाना सहित तीन प्रकार के प्रसाद भी दिए गए।
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