जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
कृषि के क्षेत्र में बुवाई से लेकर रोपण, जल निकासी, सिंचाई, उर्वरक, पौध संरक्षण,कटाई, खरपतवार हटाने और भंडारण तक के कार्यों में महिलाएं अग्रणी भूमिका निभाती हैं। इस क्षेत्र में उनके सशक्तिकरण और प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य में ’कृषि में अध्ययनरत छात्राओं को प्रोत्साहन योजना’ चलाई जा रही है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि बालिकाएं कृषि के क्षेत्र की नवीनतम तकनीकों का अध्ययन करें और औपचारिक शिक्षण-प्रशिक्षण प्राप्त करें, जिससे न केवल उनके परिवार की आय में वृद्धि होगी, बल्कि वे राज्य और देश की समृद्धि में भी योगदान देंगी। योजना के तहत अध्ययन के लिए कृषि को विषय के तौर पर चुनने वाली बालिकाओं को प्रोत्साहन  देने के उद्देश्य से कृषि संकाय में 11वीं कक्षा से लेकर पीएचडी कर रही छात्राओं को 5 हजार से लेकर 15 हजार की राशि प्रतिवर्ष दी जा रही है। कृषि संकाय में स्नातक कर रही भूमि दलीप जैन उदयपुर स्थित जनार्दन राय नागर विश्वविद्यालय में बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा है। वे बताती है कि शुरू से ही उनकी कृषि के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने की इच्छा थी। लेकिन उन्हें पता नही था कि उनकी राह इतनी आसान नहीं है और उन्हें काफी आर्थिक समस्याओं का सामना करना होगा। वर्ष 2021 में अकस्मात् भूमि के पिता की हार्ट अटैक से  मृत्यु हो गई। जिससे  उनके परिवार की आर्थिक स्थिति और कमजोर हो गयी, इसका सीधा प्रभाव उनकी पढ़ाई पर पड़ा।
योजना ने निभाया पिता का फर्ज।
भूमि बताती हैं कि योजना के तहत  कक्षा 11वीं और 12वीं में उन्हें राज्य सरकार द्वारा 5-5 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। इस आर्थिक सहयोग को पाकर भूमि को लगा कि पिता के जाने के बाद यह योजना उनके लिए पिता का फर्ज निभा रही है। भूमि कहती हैं कि पिता की मृत्यु के बाद अल्प पारिवारिक आय की वजह से उनके लिए अपने पसंद के विषय में  नियमित पढ़ाई कर पाना कठिन था। इस योजना के सहयोग से वे अपनी पढ़ाई को सुचारू रूप से जारी रख पाई हैं। भूमि कहती हैं कि कृषि संकाय लेकर अध्ययन करने से उन्हें खेती करने की उन्नत तकनीकों की भी जानकारी मिली। अब वे अपने घर की सब्जियां बाज़ार से खरीद कर नहीं लाती हैं, अपितु वे घर में सब्जियां उगाती हैं, जिससे उन्हें घर में ही ताजी सब्जियां उपलब्ध होती हैं। साथ ही वे किसानों को खेती करने की उन्नत तकनीकों, बीज, उर्वरक जैसी सहायक सामग्रियों के बारे में उचित जानकारी भी देती हैं। वे चाहती हैं कि वे कृषि की नवीनतम तकनीकों के बारे में ज्यादा से ज्यादा सीखें और इस क्षेत्र में नवाचार करें। भूमि और उनकी माता इस प्रोत्साहन राशि के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए नहीं थकती।