चित्तौड़गढ़-गोपाल चतुर्वेदी।
चित्तौड़गढ़ जिले के निंबाहेड़ा उपखंड के लसड़ावन जीएसएस मे संधा कंपनी (एफआरटीपी) के पेटी कांट्रेक्टर जीवन आंजना अधीन कार्यरत एक ठेका कर्मी मिट्ठू लाल डांगी विद्युत विभाग कर्मचारियों की लापरवाही के चलते पोल पर कार्य करते समय करंट लगने से अपने दोनों हाथ गवा बैठा। जिस के उपचार के लिए भी ठेकेदार ने आर्थिक मदद के लिए हाथ आगे नहीं बढ़ाया। वही अब दोनों हाथ गंवाने के बाद मिट्ठू लाल बेरोजगार होने के साथ आर्थिक तंगी के दौर से भी गुजर रहा है। लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी उसकी कोई मदद करने को तैयार नहीं हो रहे।
अंत मे हिम्मत हारकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दौरे के समय चित्तौड़गढ़ पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से मिट्ठू सिंह और उसके परिवार जनों ने आर्थिक मदद दिलवाने के लिए गुहार लगाई है। जानकारी के अनुसार एक गरीब परिवार से आने वाला मिट्ठू लाल डांगी जो कि निंबाहेड़ा तहसील के बांसा का रहने वाला है जो कि पेटी कांट्रेक्टर जीवन आंजना की संधा कंपनी एएफआरटीपी के अधीन हेल्पर के पद पर कार्यरत था वह 21 अक्टूबर 2021 को सवेरे 10 से 11बजे के बीच लसोड़ावन जीएसएस पर बिजली का फाल्ट आने की सूचना पर ठेकेदार जीवन आंजना ने मिट्ठू लाल को फाल्ट सही करने के लिए भेजा। जिस पर मिट्ठूलाल ने जीएसएस अधीक्षक ऑफिस में बिजली अधिकारी गणपत को शटडाउन करने के लिए भेजा। बिजली बंद होने की पुष्टि होने के बाद मिट्ठू लाल को पोल पर चढ़ने के लिए बोला गया, लेकिन फाल्ट निकालते समय अचानक से अधिकारी गणपत की गलती के कारण बिना सुचना के विद्युत प्रवाह चालू कर दिया गया, जिसके कारण मिट्ठू लाल को करंट लग गया। इस पर उसे तत्काल प्रभाव से स्थानीय चिकित्सालय ले जाया गया लेकिन हालत गंभीर होने के बाद उसे उदयपुर के लिए रेफर कर दिया गया। वहां से अहमदाबाद रेफर किया गया, जब इसकी सूचना देने के लिए मिट्ठू लाल के परिवार जनों ने ठेकेदार जीवन आंजना को फोन किया लेकिन ठेकेदार द्वारा उनका फोन नहीं उठाया गया। वही इसके बारे में जानकारी देते हुए करंट हादसे मे अपने दोनों हाथ गवा बैठे पीड़ित मिट्ठू लाल डांगी ने बताया कि ठेकेदार द्वारा अहमदाबाद राजस्थान हॉस्पिटल में करवाए गए। उसके उपचार के दौरान भी फोन नहीं उठाया गया। उपचार के दौरान उसके दोनों हाथ काटने पड़े इस पूरी घटना की रिपोर्ट भी सदर थाना निंबाहेड़ा में दर्ज करवाई गई। लेकिन आज तक उस रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई वहीं पुलिस अधीक्षक को भी इसके बारे में जानकारी दी गई वही इसके अलावा एसीजेएम संख्या दो न्यायालय निंबाहेड़ा में मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिस में भी किसी प्रकार की उचित कार्रवाई नहीं हो पा रही है और सरकार द्वारा भी अभी तक कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली है। इसके बारे में जिले के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से सर्किट हाउस में मुलाकात की गई है जिस पर उन्होंने दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही करने के साथ सरकार से अधिकतम आर्थिक सहायता दिलवाने का आश्वासन दिया है।
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