बाओबाब एक अति विशिष्ट पेड़ है। यह मुख्यतया मेडागास्कर, जिम्बाब्वे और अफ्रीका के कुछ अन्य देशों में पाया जाता है। उत्तरी तंजानिया के ज्वालामुखी वाले क्षेत्रों में कुछ बौने बाओबाब के पेड़ पाए जाते हैं अन्यथा यह पेड़ 30 मीटर से ऊंचे और 11-12 मीटर चौड़े तने वाले होते हैं। इस पेड़ में जो खास बात है वह है इसकी अपने तने में पानी इकट्ठा करने की क्षमता। बाओबाब का पेड़ अपने तने में 1 लाख 20 हजार लीटर तक पानी रखने की जगह रखता है। मेडागास्कर के एक पेड़ के तने में 17,348 लीटर पानी पाया गया। ज्योंहि बारिश शुरू होती है यह पेड़ अपने तने रूपी कुएं में पानी इकठ्ठा करने लगता है और यदि बरसात तेज हो तो एक लाख लीटर से भी अधिक पानी संग्रहित कर लेता है। किसी साल यदि बरसात कम होती है तो लोग इस तने में छेद कर एक नल लगा कर थोड़ा थोड़ा पानी पी कर समय निकाल लेते हैं क्योंकि यह पानी शुद्ध और पीने लायक होता है।

इस पेड़ की बनावट विचित्र होती है। पहली नजर में यूं लगेगा कि इसकी जड़ें तो ऊपर हवा में हैं और तना जमीन में धंसा हुआ है। यह इसलिए लगता है क्योंकि गर्मियों में पानी बचाने के लिए सारे पत्ते झड़ जाते हैं और टहनियां जड़ों जैसी होती हैं ताकि उनसे से पानी वाष्पित नहीं हो। इस पेड़ में फूल साल में सिर्फ एक बार ही आते हैं, 15 घंटे में मुरझा जाते हैं या पॉलिनेट हो कर फल में परिवर्तित होते हैं। इसके फल खीरे जैसे होते हैं जिन्हे बंदर बहुत चाव से खाते हैं जिसकी वजह से अफ्रीका में इसे बंदर रोटी पेड़ भी कहा जाता है। चूंकि हर फल में कोई तीस से भी ज्यादा बीज होते हैं तो अरब के लोग इसे बु - हिबाब यानि कई बीजों वाला पेड़ कहते हैं और इसके पत्तों की सब्जी बनाते हैं जो कैल्शियम से भरपूर होती है।

यदि परिस्थितियां अनुकूल रहें तो एक बाओबाब का पेड़ छह हजार साल तक जीवित रह सकता है। मेडागास्कर के इफेनी शहर में प्राचीन रोमन काल से एक पेड़ खड़ा है। इसके तने में से तना निकलने से इसे टी पॉट बाओबाब कहते हैं। इसी तरह से जिम्बाब्वे में एक पेड़ की उम्र 2450 वर्ष की आंकी गई जब यह 2011 में सुख कर मर गया। भारत में तीन बाओबाब के पेड़ हैं जो शायद विदेशी व्यापारियों द्वारा लाए गए हैं। इनमें से दो पेड़ कतारगाम सूरत गुजरात में हैं। तीसरा पेड़ भी गुजरात के ही सरथाना चुंगी नाके पर है। इन पेड़ों की उम्र भी हजार साल के ऊपर की मानी जाती है। भारत में इसे गोरख आंबली, गोरख इमली या गोरक्षी पेड़ कहा जाता है।