यदि परिस्थितियां अनुकूल रहें तो एक बाओबाब का पेड़ छह हजार साल तक जीवित रह सकता है।
मेडागास्कर के इफेनी शहर में प्राचीन रोमन काल से एक पेड़ खड़ा है। इसके तने में से
तना निकलने से इसे टी पॉट बाओबाब कहते हैं। इसी तरह से जिम्बाब्वे में एक पेड़ की उम्र
2450 वर्ष की आंकी गई जब यह 2011 में सुख कर मर गया। भारत में तीन बाओबाब के पेड़ हैं
जो शायद विदेशी व्यापारियों द्वारा लाए गए हैं। इनमें से दो पेड़ कतारगाम सूरत गुजरात
में हैं। तीसरा पेड़ भी गुजरात के ही सरथाना चुंगी नाके पर है। इन पेड़ों की उम्र भी
हजार साल के ऊपर की मानी जाती है। भारत में इसे गोरख आंबली, गोरख इमली या गोरक्षी पेड़
कहा जाता है।
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