करौली ब्यूरो रिपोर्ट।
करौली शहर के जिला अस्पताल में मंगलवार को एक बंदर का आतंक देखने को मिला। जहां बंदर ने जमकर उत्पात मचाया। इतना ही नही बंदर ने अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में घुसकर मरीजों और उनके परिजनों के साथ छीना झपटी भी कर दी। जिससे दो जने घायल भी हो गए। इधर नगर परिषद की घोर लापरवाही भी सामने आई है। जहां बंदर घुसने की सूचना मिलने के बाद भी कोई भी कार्मिक बंदर को भगाने मौके पर नहीं पहुंचा जब जानकारी जिला कलेक्टर के पास पहुंची तो उनकी सूचना के बाद बंदर को बाहर निकाला गया। जानकारी के मुताबिक मंगलवार तड़के रात एक बंदर जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में घुस गया और चिकित्सक रूम और आपातकालीन वार्ड में जाकर उत्पात मचाने लगा।
जिससे चिकित्सा कर्मियों सहित मरीजों में भी खलबली मच गई। जानकारी के मुताबिक अस्पताल प्रशासन द्वारा नगर परिषद को भी सूचना दी गई लेकिन नगर परिषद की तरफ से भी हुई कार्मिक बंदर को भगाने नहीं आया। अस्पताल मे बंदर भगाने की सुचना जैसे ही जिला कलेक्टर अंकित कुमार को लगी तो उन्होंने बंदर को भगाने के लिए अधिकारियो को निर्देशित किया। लेकिन तबतक बंदर आंतक मचाने के बाद खुद ही अस्पताल से भाग गया।
गनीमत यह रही कि बंदर ने किसी मरीज को ज्यादा जख्मी नहीं किया लेकिन अस्पताल में बंदर घुसने के बाद नगर परिषद की व्यवस्थाओं की पोल जरूर खुलती हुई नजर आई। जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ दिनेश चंद्र गुप्ता ने बताया कि जिला अस्पताल से बंदरों को भगाने और पकडवाने के लिए कई बार नगर परिषद को पत्र लिखे जा चुके हैं। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। मंगलवार को भी बंदर मरीजों के परिजनों ने ही खदेड़ कर भगा दिया। बता दे, कि इसी बंदर ने चार दिन से शहर मे आतंक मचा रखा है। दो दिन पूर्व भी बस स्टैड के पास स्थित एक हेयर सैलून मे घूसकर काभी देर तक आतंक मचाया और दो जनो को जख्मी कर दिया था। मंगलवार को भी जिला अस्पताल मे इसी बंदर ने आतंक मचाया और मरीजो और परिजनों के साथ छीना झपटी की है। लेकिन नगरपरिषद बंदर को पकडने मे लापरवाह नजर आया।